
ऋषिकेश, 15 जून। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार दिवस के अवसर पर रविवार को बैराज कॉलोनी में एक विशेष कानूनी साक्षरता शिविर एवं वृद्धावस्था जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला (सचिव, तहसील विधिक सेवा समिति, ऋषिकेश) द्वारा किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य था – वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों और उपलब्ध सहायता सेवाओं की जानकारी देना, ताकि वे किसी भी प्रकार के शोषण या दुर्व्यवहार से सुरक्षित रहें।
कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला ने बताया कि भारतीय कानून के अनुसार बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की पांच प्रमुख श्रेणियां होती हैं, जिसमें शारीरिक दुर्व्यवहार – जानबूझकर चोट पहुँचाना या पीड़ा देना।
मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार – मानसिक रूप से प्रताड़ित करना या अपमानित करना।
भौतिक शोषण – धन-संपत्ति का दुरुपयोग या हड़पना।
उपेक्षा – आवश्यक देखभाल में लापरवाही बरतना।
यौन हमला – यौन रूप से प्रताड़ित करना, जो गंभीर अपराध है।
🗣️ “विश्वास तोड़ना भी अपराध है” – एडवोकेट अभिनव
इस अवसर पर क्षेत्रीय क्षत्रिय पार्षद एवं एडवोकेट श्री अभिनव सिंह मलिक ने कहा कि बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एकल घटना नहीं बल्कि कई बार घटित होने वाली सामाजिक त्रासदी है, जो उस रिश्ते को चोट पहुँचाती है जहाँ विश्वास होता है। हमें इसे सहन नहीं, बल्कि इसके विरुद्ध खड़े होने की आवश्यकता है।”
उन्होंने बुजुर्गों से अपील की कि वे चुप न रहें और किसी भी प्रकार के शोषण या उत्पीड़न की स्थिति में उनसे संपर्क करें। उन्हें निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
👥 कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति:
इस आयोजन में कई सामाजिक कार्यकर्ता और न्यायिक विभाग से जुड़े लोग उपस्थित रहे, जिनमें विभा नामदेव, ममता रमोला, दयामनती मिश्रा, अरविन्द भंडारी, कल्याण सिंह, ब्रिज मोहन थपलियाल, अजीत राम भट्ट, कृष्णा, कौशल्या, मंजू, कुंती, माया, केदार सिंह, मनोज, अनिल, दिनेश कुमार, मयंक पाल आदि।
📌 यदि आप या आपके किसी परिचित बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, तो संपर्क करें स्थानीय विधिक सेवा प्राधिकरण से – सहायता निःशुल्क है और हर समय उपलब्ध है।