
सामूहिक रूप से लिया गया योग को जीवन में अपनाने का संकल्प
ऋषिकेश, 21 जून। 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज तीर्थनगरी ऋषिकेश योगमय माहौल में डूब गई। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों द्वारा आयोजित विभिन्न योग शिविरों में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और योग को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
न्यायालय परिसर में विशेष योग शिविर
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वावधान में ऋषिकेश न्यायालय परिसर में एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। अधिवक्ता आरती मित्तल द्वारा संचालित इस शिविर में प्रतिभागियों ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास किया। उन्होंने योग के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। इस दौरान न्यायाधीश विनोद बर्मन और न्यायाधीश भूपेन्द्र शाह की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने स्वयं भी योगाभ्यास कर अन्य प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
🏥 एम्स ऋषिकेश में भी भव्य आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश में भी विभिन्न योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि “आज के समय में स्वस्थ जीवन के लिए योगाभ्यास सबसे प्रभावी माध्यम है”। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव फूलचन्द्र प्रसाद, डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मोहित धींगरा, आयुष विभाग प्रमुख डाॅ. मोनिका पठानिया, और ले. कर्नल राजेश जुयाल सहित सैकड़ों फेकल्टी, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और हेल्थकेयर वर्कर शामिल रहे।
🌿 बापूग्राम में जन सहभागिता और सम्मान समारोह
क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बापूग्राम में आयोजित योग कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और क्षेत्रवासियों को योग दिवस की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में योगाचार्य विधि और सौरभ नैनवाल को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित भी किया गया। मौके पर दर्जाधारी राज्य मंत्री सुरेंद्र मोगा, संयोजक निखिल बड़थ्वाल, सह-संयोजक सुमन रावत, विवेक चतुर्वेदी, पुनिता भंडारी, विपिन पंत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
🏫 विद्यालयों में भी दिखा उत्साह
पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कॉलेज, ऋषिकेश में सुबह 6:30 बजे योग अभ्यास का आयोजन हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य ललित किशोर शर्मा ने सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इसे जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। वहीं, योगशाला में योगाचार्य मन्नू नौटियाल के मार्गदर्शन में महिलाओं ने प्राणायाम और योगाभ्यास किया। उन्होंने योग के आध्यात्मिक पहलुओं और जीवन में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।