
पति और बेटी की मौजूदगी में लिया भावुक संकल्प, समाज के लिए बनीं मिसाल
ऋषिकेश, 6 जुलाई —
ऋषिकेश के चिकित्सा जगत से एक प्रेरणादायक पहल सामने आई है। डॉ. शालिनी पंत ने उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त अपने पति वरिष्ठ चिकित्सक संतोष पंत और बेटी अपूर्वा की उपस्थिति में देहदान, नेत्रदान और अंगदान का संकल्प लेते हुए इतिहास रच दिया। यह संकल्प ऋषिकेश में भरे जाने वाला पहला देहदान संकल्प पत्र है।
डॉ. पंत ने यह संकल्प पशुलोक वीरभद्र मार्ग स्थित माधव सेवा विश्राम सदन में दधीचि देहदान समिति को सौंपते हुए लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा,> “मृत्यु के बाद शरीर का उपयोग अगर किसी और की ज़िंदगी बचाने में हो सके तो यह सबसे बड़ा मानव सेवा का कार्य है।”
इस पहल से न सिर्फ समाज में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि लोगों को अंगदान और देहदान के महत्व को समझने की प्रेरणा भी मिलेगी।
मुख्य बिंदु:
डॉ. पंत ने दावा किया कि यह ऋषिकेश का पहला देहदान संकल्प पत्र है।
डॉ. शालिनी पंत ने नेत्र, अंग व शरीर दान के लिए किया संकल्प।
परिवार की सहमति और समर्थन से लिया निर्णय।
दधीचि देहदान समिति को सौंपा गया संकल्प पत्र।
👉 यह कदम न सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल है, बल्कि समाज को जीवन के बाद भी जीवन देने की दिशा में एक प्रबल संदेश है।
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