स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल और यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट ने जाना घायलों का हाल
ऋषिकेश। चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साईट पर करंट फैलने से हुए दर्दनाक हादसे के 6 घायलों में से दो की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि अन्य घायलों का एम्स के ट्राॅमा वार्ड में आवश्यक उपचार चल रहा है।
गुरुवार दोपहर में चमोली से 5 अन्य लोगों को हेली एम्बुलेंस द्वारा एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया। इन सभी को भी एम्स की ट्राॅमा इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। अब एम्स ऋषिकेश में चमोली हादसे के 11 घायलों का इलाज चल रहा है।
उधर, बीते रोज भर्ती किए गए 6 घायलों में से संदीप कुमार और सुशील की हालत गंभीर बनी है। चिकित्सकों के मुताबिक करंट से बुरी तरह झुलसने के कारण संदीप का बायां हाथ तथा बायां पैर मिड इम्प्युटेशन करना पड़ा। जले स्थान पर उसके हाथ और पैर की मांसपेशियां भी पूरी तरह जल गईं थी। इससे संदीप की किडनी में भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। वह अभी वेंटिलेटर पर हैं और ट्राॅमा आईसीयू में भर्ती हैं। जबकि सुशील के सिर में चोट लगने के कारण वह पूरी तरह होश में नहीं है। हालांकि उनकी हालत में पहले से सुधार है। उन्होंने बताया कि स्थिति गंभीर होने के कारण इन दोनों घायलों को चिकित्सकों की गहन निगरानी में रखा गया है और उनका आवश्यक उपचार जारी है।
वहीं, गुरुवार दोपहर राज्य के स्वास्थ्य चिकित्सा और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल और यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट ने एम्स पहुंचकर घायलों का हाल जाना।
बता दें कि बीते बुधवार को चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साईट पर करंट फैलने से एक दारोगा, 3 होमगार्ड समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी।
गुरुवार को हेली एंबुलेंस से एम्स पहुंचे घायल के नाम
अभिषेक पाल (28) पुत्र राजेन्द्र पाल, पवन सिह राठौर (42) पुत्र उदय सिंह, जयदीप (20) पुत्र हरीश लाल, धीरेन्द्र रावत (41) पुत्र राजेन्द्र रावत और सुभाष खत्री (27) पुत्र दौलत सिंह शामिल हैं। ट्राॅमा सर्जन डाॅ. नीरज कुमार ने बताया कि सभी घायलों की सभी प्रकार की आवश्यक मेडिकल जांचें की जा रही हैं। बहरहाल इनमें से कोई भी घायल गंभीर स्थिति में नहीं है।
इनका भी चल रहा है इलाज
चमोली हादसे में घायल नरेंद्र लाल, आनंद कुमार, रामचंद्र और महेश कुमार को बीते बुधवार एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों की माने तो चारों लोग स्टेबल स्थिति में हैं और इन सभी का इलाज ट्राॅमा वार्ड में चल रहा है।