उत्तराखंड में सशक्त भू कानून और मूल निवास को बनाएंगे आंदोलन की धार
ऋषिकेश 29 दिसंबर। राज्य में सशक्त भू कानून लागू करने तथा मूल निवास की अनिवार्यता की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इसकी शुरुआत एक जनवरी को सभी प्रदर्शन के साथ की जाएगी।
शुक्रवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में उत्तराखंड क्रांति दल की ऋषिकेश इकाई की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्रांद अधिकारियों ने कार्यक्रम की जानकारी दी। उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल शुरुआत से ही उत्तराखंड में सशक्त भू कानून तथा मूल निवास की अनिवार्यता को लागू करने की मांग कर रहा है। मगर भाजपा तथा कांग्रेस ने अपने वोट बैंक व राजनीतिक लाभ के लिए राज्य की सांस्कृतिक विरासत, यहां के मूल निवासियों के हक-हकूक को बाधित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को देहरादून में हुई महारैली पिछले 23 वर्षों की छटपटाहट का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह अभी शुरुआत है, यह आंदोलन एक बड़ा रूप लेगा। जिस तरह वर्ष 1994 में उत्तराखंड पृथक राज्य के लिए राज्यवासी एकजुट हुए थे, उसी तरह अब मूल निवास तथा भू कानून के लिए पूरे राज्य को एकजुट होने की जरूरत है। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष मोहन सिंह असवाल ने कहा कि एक जनवरी को प्रदेश के सभी जिला, ब्लाक तथा तहसील मुख्यालय में उत्तराखंड क्रांति दल प्रदर्शन करेगा। 14 जनवरी को बागेश्वर में उत्तरैणी मेले स्थाई निवास की प्रतियां सरयू में बहकर विरोध प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सतत जारी रहेगा। उत्तराखंड क्रांति दल के महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र नौटियाल ने कहा कि मूल निवास तथा भू कानून हमारी अस्मिता से जुड़ा हुआ अधिकार है, जिसे हम लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल शुरुआत से ही मूल निवास की कट ऑफ 16 अगस्त 1950 करने तथा हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भू कानून लागू करने की मांग कर रहा है। उन्होंने आरोप कि भाजपा व कांग्रेस इस आंदोलन को तोड़ने के लिए हथकंडे आजमाएगी, जिसके लिए प्रदेश के नागरिकों को जागरूक करने की जरूरत है। कहा कि भाजपा व कांग्रेस की कुरीतियों के कारण प्रदेश में आज 50 लाख से अधिक बाहरी लोग स्थाई निवासी बन चुके हैं, जिससे हमारे हक हकूकों पर कुठाराघात हो रहा है। इस अवसर पर आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह चौहान, प्रकोष्ठ की अध्यक्ष पुष्पा नेगी, केंद्रीय प्रचार मंत्री मुकेश पाठक, भगवान पंवार आदि मौजूद रहे।