नई दिल्ली। भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर इसका एलान करते हुए इसे अपने जीवन का बेहद भावुक क्षण बताया है। आडवाणी को भारत रत्न की घोषणा के बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के तुरंत बाद राष्ट्रपति भवन ने संदेश जारी कर कहा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इसके बाद 96 वर्षीय आडवाणी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को यह सम्मान राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को मान्यता देना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुशी जताते हुए कहा, आडवाणी राजनीति में शुचिता, समर्पण, दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। उन्होंने लंबे सार्वजनिक जीवन में अनेक भूमिकाएं निभाते हुए देश के विकास और राष्ट्र निर्माण में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वह अविस्मरणीय और प्रेरणास्पद है।आडवाणी से पहले वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा आरएसएस से जुड़े नानाजी देशमुख को भी यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जा चुका है।
आडवाणी का सफरनामा लालकृष्ण आडवाणी 1947 में बंटवारे के बाद परिवार के साथ भारत आए थे। उन्होंने 50 के दशक की शुरुआत में आरएसएस में राजस्थान का जिम्मा संभाला। इसके बाद 1970 में राज्यसभा पहुंचे। 1977 में मोरारजी देसाई सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने और मई 1986 में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए। अटल सरकार में वे उप प्रधानमंत्री भी रहे।