श्यामपुर (नवीन नेगी) 1 अप्रैल। श्री सिद्धपीठ सेमनागराजा मंदिर के वार्षिक उत्सव के तहत श्रीमद् भागवत कथा से पहले क्षेत्र में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। धार्मिक यात्रा में शामिल श्रद्धालु पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ की थाप पर मदमस्त होकर झूमते रहे। कथावाचक शिव स्वरूप नौटियाल ने दिव्य कथा का अमृत पान कराते हुए कहा की इस कलिकाल में सभी प्रभु प्रेमी को कथा अवश्य श्रवण करनी चाहिए।
सोमवार को छिददरवाला में स्थित सिद्धपीठ सेम नागराजा मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा शुरू हुई। कथा से पहले मंदिर के प्रांगण से भव्य कलश यात्रा निकाली गई जो विभिन्न मार्गो से होते हुए गंतव्य स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई। धार्मिक यात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ की थाप पर श्रद्धालु थिरकते रहे। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल महिलाएं पीत वस्त्र व सोलह श्रृंगार में नजर आई। पतित पावनी गंगा से कलश में जल लेकर कथा पंडाल पहुंची और यहां कथा पंडाल में घट स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। प्रत्येक वर्ष की भांति वार्षिक उत्सव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन व्यास पीठ से कथावाचक शिव स्वरूप नौटियाल ने श्रद्धालुओं को दिव्य कथा का अमृतपान करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा है इसके दर्शन, पुण्य एवं श्रवण से भव सागर से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि कथा में प्रतिदिन भक्तों को भगवान सेमनागराजा के उपासक आचार्य टीकाराम जोशी के द्वारा सेमनागराजा डोली के दिव्य दर्शन का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।