ऋषिकेश 10 मई। अक्षय तृतीया पर तीर्थनगरी ऋषिकेश के पौराणिक श्री भरत मंदिर में हृषिकेश नारायण भरत भगवान के दर्शनों के लिए बड़ी में संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने मंदिर में 108 परिक्रमा की। मान्यता है कि 108 परिक्रमा से बद्रीनाथ के दर्शन करने का लाभ मिलता है।
शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं की आमद मंदिर में परिक्रमा के लिए बनी रही। कई श्रद्धालुओं ने मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में माथा टेककर परिक्रमा की, तो कई श्रद्धालु अपनी इच्छा पूर्ति का आशीर्वाद लेने के लिए परिक्रमा करते नजर आए। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए मीठे शर्बत की भी व्यवस्था रही।
अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के अवसर पर नगर के ज्वेलर्स की दुकानों में भी रौनक रही। इस दिन आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। लिहाजा दुकानों में लोग सोने और चांदी के बर्तन, सिक्के आदि की खरीदारी करते दिखाई दिए।
पतित पावनी गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में अक्षय तृतीया पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। सूर्य को अर्घ्य देकर अराध्य देव की पूजा अर्चना की। घाट परिसर पर कतार से बैठे भिक्षुओं को दान दक्षिणा दी। स्नान और दान का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
शुक्रवार को अक्षय तृतीया ब्रह्ममूहुर्त से ही स्थानीय और बाहरी प्रांतों के श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट का रुख किया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पुष्प और दीप दान कर गंगा तट पर पूजा अर्चना भी की। सुबह 10 बजे के त्रिवेणी घाट पर स्नानार्थियों की खासी भीड़ हो गई। त्रिवेणी घाट से लेकर नाव घाट तक लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला और तपोवन क्षेत्र के प्रमुख घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। वहीं, दूसरी ओर स्नान पर्व के दौरान डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए घाटों पर एसडीआरएफ और जल पुलिस के जवानों की तैनाती रही। सांध्यकालीन गंगा आरती में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही।