ऋषिकेश 17 मई। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध यात्रा चरम पर है। देश के विभिन्न राज्यों से तीर्थ यात्री देवधामों के दर्शन के लिए यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश में पहुंच रहे हैं। यहां पंजीकरण कराने के बाद तीर्थयात्री आगे की यात्रा के लिए रवाना होते हैं। फिलहाल भारी भीड़ को देखते हुए ऑफलाइन पंजीकरण बंद है। इस स्थिति में तीर्थ यात्रियों को ऋषिकेश में रोका गया है।
शुक्रवार को ऋषिकेश में रोके गए यात्रियों के सब्र का बांध टूट पड़ा। रोके गए तीर्थयात्रियों ने स्थानीय परिवहन व्यवसायियों के साथ ट्रांजिट कैंप स्थित यात्रा प्रशासन कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा। शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। यही नहीं भड़के तीर्थयात्रियों ने जबरन कार्यालय में घुसने का प्रयास भी किया। हंगामा होने पर पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। ऋषिकेश कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने गुस्साए तीर्थयात्रियों को बमुश्किल समझा बूझाकर शांत किया।
बता दें कि पिछले तीन-चार दिनों से ऑफलाइन पंजीकरण रोके गए हैं, जिससे ऋषिकेश में तीर्थयात्रियों का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। ऋषिकेश में रोके गए तीर्थ यात्री यात्रा ट्रांजिट कैंप में जगह-जगह डेरा डाले हुए हैं। कोई चादर बेचकर तो कोई फर्श में ही आराम करता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर और इंदौर, राजस्थान, कर्नाटक से आए तीर्थयात्रियों ने बताया कि वह पिछले 5 दिन से ऋषिकेश में रुके हुए हैं। जिससे उनकी यात्रा का बजट भी बिगड़ रहा है दो-चार दिन और रोका गया तो उन्हें बिना चार धाम यात्रा के ही वापस घर लौटने को मजबूर होना पड़ेगा। सरकार से उनकी समस्या का संज्ञान लेने की गुहार लगाई।
वहीं, यात्रा रूट पर यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए फिलहाल गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले वाहनों को ऋषिकेश में ही रोक दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि धामों में किसी तरह की अव्यवस्था ना हो।
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