ऋषिकेश 23 मई। विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आदरणीय संस्था मिनी रत्न पीएसयू, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अब अब उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को तकनीकी सलाहकार के रूप में सेवाएं प्रदान करेगा। इसके लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय, यमुना कॉलोनी, देहरादून में संपन्न हुआ। इस दौरान टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आरके विश्नोई ने टीएचडीसीआईएल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि कंपनी उत्तराखंड राज्य को पूर्व से ही तकनीकी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। इस एमओयू के तहत कंपनी उत्तखंड में विभिन्न राज्य राजमार्गों, प्रमुख जिला सड़कों एवं अन्य मार्गों पर ढलान संरक्षण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देगी।
विश्नोई ने स्थलीय विशिष्ट चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक एवं लचीले उपचार उपायों को अपनाने के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। कहा कि इस सहयोग का मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के भूभाग में यात्रा के दौरान वाहनों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना है।
समझौता ज्ञापन पर टीएचडीसीआईएल की ओर से कार्यपालक निदेशक तकनीकी संदीप सिंघल, पीडब्ल्यूडी उत्तराखंड के अभियंता इन चीफ दीपक कुमार यादव ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल, अपर महाप्रबंधक/प्रभारी, अमित श्याम गुप्ता, प्रबंधक (सिविल डिजाइन) एवं उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग से ओम प्रकाश, मुख्य अभियंता, श्री हरीश पांगती, एसई, भी उपस्थित रहे। टीएचडीसी के महाप्रबंधक (कॉरपोरेटर संचार) डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी ने बताया कि
टीएचडीसी ने पहले भी इस क्षेत्र में अपनी परामर्शी सेवाएं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, देहरादून, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, अरुणाचल प्रदेश, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, पश्चिम बंगाल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जम्मू एवं कश्मीर, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, महाराष्ट्र, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पुणे, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, शिलांग के लिए ढलान संरक्षण कार्यों में प्रदान कर अपनी विशेषज्ञता साबित की है।