ऋषिकेश 1 जून। खैरीखुर्द श्यामपुर स्थित निर्मल ज्ञान दान अकादमी में प्रश्न पत्र निर्माण एवं आदर्श शिक्षा पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों की शंकाओं का समाधान किया गया। कार्यशाला में प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
शनिवार को ज्ञान दान अकादमी के सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि डॉ. गीता शुक्ला एवं निर्मल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. एसएन सूरी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. गीता ने प्रश्न पत्र के खाके का महत्व और प्रश्नों के निर्माण के अर्थ, विशेषताएं के साथ अवधारणाओं को स्लाइड्स और गतिविधियों की सहायता से समझाया। साथ ही मूल्यांकन के विभिन्न चरणों, प्रारूपिक और संक्षिप्त मूल्यांकन की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला।
दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि ने जीवन में आदर्श मूल्यों के महत्व और उनके अनुप्रयोग पर जोर दिया। कार्यशाला में व्यक्तिगत स्तर, अंतरव्यक्तिक स्तर, सामुदायिक स्तर, राष्ट्रीय स्तर और वैश्विक स्तर पर मूल्यों की समझ को खोजा गया। इसका प्रमुख उद्देश्य बच्चों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना था, जहां वे स्वयं को व्यक्त कर सकें, परस्पर संवाद कर सकें और आपसी विवादों का समाधान कर सकें।
इस दौरान प्रधानाचार्य एनजीए डॉ. सुनीता शर्मा ने अतिथियों एवं प्रशिक्षुकों का अभिनन्दन किया। एनजीए हेडमिस्ट्रेस अमृत पाल डंग ने मुख्य अतिथि डॉ गीता शुक्ला को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन एनजीए में जरूर होते रहने के लिए निर्मल आश्रम परिवार के महंत राम सिंह महाराज एवं बाबा जोध सिंह महाराज से निवेदन किया।
डॉ. शुक्ला का संक्षिप्त परिचय
कार्यशाला में प्रधानाचार्य डॉ. सुनीता शर्मा ने अवगत कराया कि डॉ. गीता शुक्ला एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् हैं, जिन्होंने 1986 से शिक्षा के क्षेत्र में काम किया और वे एक ग्लोबल करियर काउंसलर के रूप में प्रमाणित हैं व सीबीएसई के द्वारा आयोजित कई कार्यशालाओं में अपना बेहतरीन योगदान दिया है।