धर्मस्व विभाग पर भड़की भैरव सैना! बुद्धि शुद्ध हवन के साथ किया प्रदर्शन

देहरादून 12 जून। भैरव सेना संगठन ने राज्य के धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन और बुद्धि शुद्धि हवन कर गुस्से का इजहार किया। संगठन का आरोप है कि कुछ नेताओं तथा अधिकारियों की मिलीभगत से अपने चहेतों को फायदा पहुंचाकर तीर्थधाम एवं शक्तिपीठ-सिद्धपीठ को तीर्थाटन के बजाय पर्यटन में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान मांगों के बाबत डीएम दून के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित तहसीलदार सदर के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया। एक प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय को भी प्रेषित की गई।
बुधवार को भैरव सेवा संगठन के गढ़वाल संभाग सचिव गणेश जोशी के नेतृत्व में संगठन कार्यकर्ता देहरादून गांधी पार्क के मुख्यद्वार पर एकत्रित हुए और यहां स्वरूप धर्मस्व एवम पर्यटन विभाग पर भड़ास निकाली। भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा की देवभूमि उत्तराखंड में सैकड़ों मोक्षधाम तथा शक्तिपीठ-सिद्धपीठ विद्यमान है। संपूर्ण विश्व के सनातन अनुसरणकर्ता मोक्ष के उद्देश्य से पवित्र तीर्थों की यात्रा पूर्ण आस्था, पवित्रता तथा सनातनी मान बिन्दुओं के आधार पर करते हैं। विगत कुछ वर्षों में तीर्थधामों में विकृत मानसिकता के धर्म-निरपेक्ष व्यक्तियों की घुसपैठ व्यापारिक तथा पर्यटन के उद्देश्य से हो रही है। जिस कारण सनातन धर्म में आस्थावान न होने के चलते कई बार आपसी टकराव की स्थिति भी बन जाती है। आरोप लगाया कि इसका सबसे प्रमुख कारण धर्मस्व तथा पर्यटन विभाग की मिलीभगत से तीर्थधाम में तीर्थाटन के बजाय पर्यटन को बढ़ावा देना है। कहा कि श्री बद्रीनाथ मोक्षधाम क्षेत्रांतर्गत सीमांत गांव माणा में पौराणिक धार्मिक धरोहर सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर बने मां सरस्वती मंदिर का महाराष्ट्र के धन्नासेठ द्वारा करोड़ों की लागत से निर्माण करने के पश्चात गर्भ गृह में मां सरस्वती की मूर्ति के साथ अपने मृत परिजनों और अपने प्रांत से संबंधित संतों की मूर्तियां स्थापित कर मंदिर की समिति बना दी। जबकि सनातन धर्म में मृतकों की मूर्तियां अराध्य देवी-देवताओं के साथ विराजमान नहीं करते। जोकि सनातन धर्म में अक्षम्य अपराध है।
सेना अध्यक्ष ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर और अब थार गाड़ी का संचालन मंदिर परिसर तक व्यापारिक रूप से किया जा रहा है। जोकि धार्मिक यात्रा का अपमान है और सिर्फ विशिष्ट तथा अति विशिष्ट यात्रियों के लिये सुविधा देने हेतु किया जा रहा है।
तीर्थ यात्रा की अराध्य देवी शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर परिसर में मोटर बोटिंग शुरू कर दी गई। पहले दूर से दूर से आस्थावान श्रद्धालुगण मां के दर्शनार्थ पारंपरिक रूप से आते थे। परन्तु अब मंदिर से अधिक मोटर बोटिंग के लिये अर्द्ध नग्न वस्त्रों में फूहड़ता के साथ पर्यटक आते हैं। जोकि सनातन आस्थाओं के साथ खिलवाड़ है। केन्द्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने इन सभी मांगों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की। एक स्वर में कहा कि देवभूमि में धामों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्षा अनिता थापा, प्राण प्रभारी अनिल थपलियाल, केंद्रीय सचिव संजय पंवार, चतुरानंद मलेथा, गीता बिष्ट, कमलेश, अनु राजपूत, हिमांशु भट्ट, करण शर्मा, राजकुमार, अमन, अजीत बिष्ट सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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