ऋषिकेश 24 जून। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के तहत हंस फाउंडेशन एवं हंस कल्चरल सेंटर ने देश के विभिन्न राज्यों से यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंचे सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन की व्यवस्था कराई। 23 जून के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी के चलते निशुल्क भोजन की व्यवस्था 24 जून से बंद कर दी गई है।
संयुक्त यात्रा बस अड्डा मार्ग स्थित चार धाम यात्रा ट्रांजिट कैंप के पंजीकरण केंद्र पर हंस फाउंडेशन एवं हंस कल्चरल सेंटर के माध्यम से संचालित भंडारे का सोमवार को समापन हो गया। बता दें कि इस वर्ष 13 मई से चार धाम यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं का ऑफलाइन पंजीकरण बंद करने से विभिन्न प्रदेश से आए हुए श्रद्धालुओं को पंजीकरण न होने के कारण ऋषिकेश मे कई कई दिनों तक रुकना पड़ रहा था। पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर रवाना रहे थे। कई दिनों तक ऋषिकेश में रुकने के कारण तीर्थ यात्रियों के यात्रा का बजट भी गड़बड़ा गया था, जिससे उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा था।
श्रद्धालुओं की समस्या को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन महासंघ एवं नगर निगम ऋषिकेश ने हंस फाउंडेशन से अनुरोध करने पर 13 मई से फाउंडेशन द्वारा यात्रियों के लिए दोनों टाइम निःशुल्क भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराई गई।
फाउंडेशन प्रभारी योगेश सुंदरियाल ने बताया कि 45 दिनों के अंदर अब तक 1,37, 500 (एक लाख सैतीस हजार पांच सौ ) यात्रियों को भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। वर्तमान में भीड़ कम होने के कारण भोजन सुविधा बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती है या किसी प्रकार की दिक्कत महसूस होती है तो फाऊंडेशन पुनः यात्रियों को भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराएगा।
इस दौरान उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय एवं संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष नवीन चंद्र रमोला ने संयुक्त रूप से हंस फाउंडेशन से जुड़े सभी लोगों को 45 दिन तक लगातार दिन रात सेवा करने पर माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। मौके पर टीजीएमओ के पूर्व अध्यक्ष बलबीर सिंह रौतेला, रोटेशन प्रभारी बृजभानु प्रकाश गिरी, वरिष्ठ आंदोलनकारी करण सिंह पंवार, रुक्म सिंह पोखरियाल, शंकर नौटियाल, प्रीतम चौहान, आशुतोष तिवारी आदि मौजूद रहे।
45 दिन में इतने लाख चारधाम यात्रियों को खिलाया खाना! भीड़ बढ़ने पर फिर लगेगा निःशुल्क भंडारा
