ऋषिकेश 2 अगस्त। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के छात्र-छात्राएं अब आधुनिक तकनीकी से भी रूबरू हो सकेंगे। कॉलेज परिसर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर लैंब को स्थापित किया गया है। शुक्रवार को उक्त लैब का विधिवत शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के युग की सबसे क्रांतिकारी तकनीक है, जिसने हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में एक नई दिशा दी है। शुक्रवार को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर के विवेकानन्द सभागार में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने किया। प्रो. जोशी ने कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस न केवल हमारे कार्यों को सरल और तेज बनाती है, बल्कि यह हमें नए और उन्नत तरीकों से समस्याओं को हल करने में भी सक्षम बनाती है। चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो, शिक्षा, कृषि, व्यापार या फिर विज्ञान और अनुसंधानएआई हर जगह अपनी छाप छोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि एआई के माध्यम से हम न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्यशाला इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एआई का प्रयोग करके कंप्यूटर और मशीनों को मानवीय बुद्धिमत्ता और समस्या-समाधान क्षमताओं का अनुसरण करने में समक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मेटलैब, एन एल पी, रोबोटिक्स, कंप्यूटर विज़न सीखकर कौशल विकास करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय द्वारा इन विषयों पर समय समय पर कार्यशालायें आयोजित की जाएंगी। साथ ही छात्र छात्राएं ऑनलाइन माध्यम से भी इन विषयों को सीख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा परिसर में छात्र छात्राओं हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर लैब स्थापित की गयी जिसमें एआई से सम्बंधित आधुनिक सॉफ्टवेयर उपलब्ध रहेंगे| छात्र छात्राएं इस लैब का प्रयोग कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सम्बन्धी आधुनिक तकनीकी सीखकर लाभान्वित हो सकेंगे।
परिसर निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत रावत ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्य की क्षमता को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। एआई मनुष्य के प्रतिस्थानी के लिए नहीं आया है। मनुष्य का कभी रिप्लेसमेंट हो भी नहीं सकता है। अपने कार्यों को तेजगति से आगे बढ़ाने के लिए एआई तकनीकी को विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी छात्र छात्राओं को तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से निरंतर सीखने की आवश्यकता है। कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र में स्लॉग सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के एआई विशेषज्ञ इंजीनियर सचिन जांगिड़ ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं इसके अनुप्रयोग पर विस्तार से बताया। जबकि दूसरे तकनीकी सत्र में इंजीनियर मयंक मिश्रा ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस द्वारा कौशल विकास एवं रोजगार विषय पर छात्र छात्राओं को जानकारी दी।
मौके पर कार्यशाला संयोजक डॉ. गौरव वार्ष्णेय,
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार धींगरा, प्रो. कंचनलता सिन्हा, प्रो. अनीता तोमर, प्रो. एसपी सती, प्रो. विद्याधर पाण्डेय, प्रो. हेमलता मिश्रा, प्रो. विजय प्रकाश श्रीवास्तव, प्रो. संगीता मिश्रा, प्रो. स्मिता बडोला, प्रो. सुरमान आर्य, प्रो. एपी दुबे, डॉ. एसके कुड़ियाल, डॉ. श्रीकृष्ण नौटियाल, शकुंतला शर्मा, डॉ. शिखा वार्ष्णेय, डॉ. रूपाली अग्रवाल, डॉ. लता पाण्डे, डॉ. शिवांगी भाटिया, संजीव सेमवाल, विवेक राजभर उपस्थित रहे।