ऋषिकेश 6 अगस्त। कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने कुछ महीने पहले ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गौहरीमाफी गांव में हुए बाढ़ सुरक्षा कार्यों की गुणवत्ता कमी का आरोप लगाया। कहा कि एक छोटी सी बाढ़ ने बाढ़ सुरक्षा कार्यों को ध्वस्त कर दिया। सवाल उठाया कि संबंधित निर्माण एजेंसी और विभागीय अधिकारी पर कार्रवाई करने की बजाय क्षेत्रीय विधायक और मंत्री क्यों चुप्पी साधे हैं..?
मंगलवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता रमोला ने कहा कि पूरे प्रदेश में आपदा से जनजीवन अस्त व्यस्त हैं। आरोप लगाया कि बावजूद इसके प्रदेश के सांसद और प्रभारी मंत्री एसी कमरों में बैठकर आपदा प्रबंधन कर रहे हैं। कहा कि सच तो ये है कि भाजपा नेता धरातल पर जाने से डर रहे हैं कि कहीं जनता इनको दुत्कार ना दे। टिहरी और उत्तरकाशी ज़िले में बड़ी आपदा आई नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस नेता धरातल पर जाकर पीड़ित लोगों से मिलते हैं।
कांग्रेस नेता ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि चाहे वह सड़कों का मामला हो, चाहे G-20 के काम हों, MDDA से हो रहे कार्य हों जैसे डिवाइडर की घटिया गुणवत्ता हो, और बाढ़ क्षेत्रों में करवाये गये बाढ़ सुरक्षा कार्य हों, सभी कामों में गुणवत्ता की भारी कमी है। गौहरी माफ़ी में कुछ माह पूर्व बने बाढ़ सुरक्षा के लिये करोड़ों की लागत से बने सुरक्षा पुस्ते, वायर किट कार्य के गुणवत्ता पर शुरुआत में भी स्थानीय लोगों ने शिकायत की परन्तु विभागीय अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और नतीजा पहली ही बारिश में ये सब कार्य ढह गये और जन सुरक्षा को भी ख़तरा हुआ है। सवाल उठाया कि इतना होने पर भी क्षेत्रीय विधायक और मंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं साफ़ लगता है कि कहीं ऐसे कार्यों के लिये माननीय की स्वीकृति रही होगी तभी विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने से बच रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज़ीरो टॉलरेंस की सरकार का नारा बंद कर देना चाहिये क्योंकि उनकी नाक के नीचे उनके मंत्री इस प्रकार का कार्य कर रहे हैं। जयेंद्र रमोला सिंचाई विभाग में वर्षों से जमे अधिकारियों के भी अन्यत्र स्थानांतरण की मांग की है।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह मियां, निवर्तमान पार्षद मनीष शर्मा, पूर्व बीडीसी मेंबर भगवती सेमवाल, प्रदेश सचिव शैलेंद्र सिंह बिष्ट, सोहनलाल रतूड़ी आदि मौजूद रहे।