नई दिल्ली/ देहरादून। अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन ने ग्रेविटी पेंशन निधि, स्वास्थ्य सुविधा का लाभ समेत कई लंबित मांगों पर कार्रवाई को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। बताया कि आंगनबाड़ी वर्कर और सहायिका ग्रेविटी भुगतान अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ग्रेच्युटी पाने के हकदार हैं, लेकिन राज्य सरकारी से लागू नहीं कर रही।
अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन के तत्वावधान में उत्तराखंड की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री नेतृत्व में संगठन की एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के आवास पर उनसे मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को बताया कि 6 वर्षों से केंद्र सरकार ने मानदेय में वृद्धि नहीं की है।साथ ही श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ जैसे ग्रेविटी पेंशन भविष्य निधि और स्वास्थ्य सुविधा का लाभ भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल 2022 के फैसले के तहत आंगनबाड़ी और सहायिका को ग्रेविटी भुगतान अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ग्रेच्युटी पाने का हकदार बताया है। लेकिन, 2 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी राज्यो की सरोकारों ने उसे किसी राज्य में लागू नहीं किया है, जो कोर्ट के फैसले की ओर अवमानना है।
आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन ने महिला एवं बाल विकास मंत्री के समक्ष सेवानिवृत्ति पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 10 लख रुपए रिटायरमेंट धनराशि दिए जाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही पिछले काफी समय से लंबी चली आ रही समस्याओं को भी शीघ्र दूर करने की मांग की। कर्मचारी संगठन के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मौके पर सुभद्रा ठाकुर (हिमाचल प्रदेश), संध्या रानी (महाराष्ट्र), गीता देवी (बिहार,) चंपा बेन (गुजरात), निधि शर्मा (मध्य प्रदेश,) अशोक कुमार (झारखंड) आदि राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे।