ऋषिकेश 9 अगस्त। मातृत्व और शिशु कल्याण स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एम्स ऋषिकेश ने शिशु स्तनपान कक्ष स्थापित कर अस्पताल सुविधाओं के क्षेत्र में एक नया कदम उठाया है। इस अभिनव पहल से महिलाओं को न केवल अपने बच्चे को दूध पिलाने में सुविधा प्राप्त होगी, बल्कि अस्पताल का यह प्रयास नवजात शिशुओं के कल्याण में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
नवजात शिुशओं की उचित देखभाल और उनका पोषण सुनिश्चित करना स्वयं में एक बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिक प्रमाणिकता के अनुसार माँ का दूध नवजात शिशुओं के लिए अमृत समान है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं। लेकिन प्रायः देखा गया है कि भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर माताओं को अपने शिशु को स्तनपान कराने में कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इन असुविधाओं को महसूस करते हुए एम्स ऋषिकेश ने अस्पताल के 3 अलग-अलग स्थानों पर शिशु स्तनपान कक्ष (ब्रेस्ट फीडिंग पाॅड) स्थापित किए हैं। इस सुविधा के प्रारम्भ हो जाने से प्रसूता महिलाओं, संस्थान में सेवारत विभिन्न महिला स्टाफ सहित अस्पताल आने वाली अन्य महिलाओं को भी अपने शिशु को दुग्धपान करवाने में आसानी होगी। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने शिशु स्तनपान कक्षों का उद्घाटन किया गया।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि ये शिशु स्तनपान कक्ष भू-तल पर ओपीडी काउन्टर के निकट, द्वितीय तल पर पैथोलाॅजी लैब के निकट और तृतीय तल पर प्रसूता कक्ष तथा गायनी वार्ड के निकट स्थापित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जरूरतमंद माताओं को इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इस दौरान डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, नियोनोटाॅलाजी विभाग की हेड प्रो. श्रीपर्णा बासु, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, असिस्टेंन्ट प्रो. डाॅ. सुमन चौरसिया और चीफ नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा सहित कई अन्य मौजूद थे।