ऋषिकेश 12 अगस्त। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) द्वारा देश के सर्वोच्च 50 चिकित्सा संस्थानों की सूची सोमवार को जारी कर दी गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश को इस बार देश के चुनिंदा 50 चिकित्सा संस्थानों में 14 वां स्थान हासिल हुआ है। पिछली बार एम्स ऋषिकेश 22 वें पायदान पर था। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इसे टीम वर्क से की गयी मेहनत का फल बताया है।
शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग 2024 की सूची जारी की। उत्कृष्ट मेडिकल काॅलेजों की सूची में इस बार एम्स दिल्ली 94.46 स्कोर प्राप्त कर देश में पहले स्थान पर रहा है। जबकि एम्स ऋषिकेश ने पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार बढ़त हासिल कर 63.16 स्कोर के साथ 14 वां स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बने सभी 6 एम्स संस्थानों की बात करे तो एम्स ऋषिकेश इन सभी मे पहला स्थान बनाने में कामयाब हुआ है। उल्लेखीय है कि एनआईआरएफ द्वारा कई श्रेणियों में देश के शैक्षणिक संस्थानों की लिस्ट जारी की जाती है। एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरूआत वर्ष 2016 में शुरू हुई थी।
संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि रैंकिंग में इन सभी चिकित्सा संस्थानों के रिसर्च, एकेडमिक गतिविधियों, एजुकेशनल रिसोर्सऐज, हायर स्टडीज प्रोग्राम सहित कुछ अन्य मानकों को परखा जाता है। उन्होंने बताया कि इन सभी में एम्स ऋषिकेश ने बेहतर प्रदर्शन कर यह स्थान पाया है।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज के हाथों वर्ष 2004 में एम्स ऋषिकेश की आधार शिला रखी गई थी। केंद्र सरकार की ओर से उस दौरान ऋषिकेश के अलावा बिहार के पटना, मध्यप्रदेश के भोपाल, उड़ीसा के भुवनेश्वर, राजस्थान के जोधपुर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी नए एम्स संस्थानों की आधारशिला रखी गई थी। एम्स ऋषिकेश में यूजी कोर्स की पढ़ाई वर्ष 2012 में शुरू हुई। मौजूदा समय में यहां मेडिकल, नर्सिंग व पैरामेडिकल में यूजी, पीजी और सुपरस्पेशलिटी के कोर्स संचालित हो रहे हैं। प्रो. मीनू सिंह संस्थान की कार्यकारी निदेशक के पद पर संस्थान का नेतृत्व कर रही हैं। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) द्वारा सोमवार को जारी की गयी