देहरादून 16 अगस्त। SDRF के सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने SDRF वाहिनी जॉलीग्रांट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यभर में स्थित SDRF की टीमों से रूबरू हुए। उन्होंने मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आपदा राहत कार्यों के दौरान टीम द्वारा बचाई गई हजारों जिंदगियों को एक मिसाल बताया।
केदारनाथ और घनसाली में 31 जुलाई 2024 को हुई आपदा पर कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि केदारनाथ और घनसाली क्षेत्र में हुई आपदा में एसडीआरएफ के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में अद्वितीय साहस और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए 8,000 से अधिक श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। उनके त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों ने हजारों जिंदगियों को बचाया। कावंड मेले में 165 से अधिक कांवडियों की जान बचाकर एसडीआरएफ जवानों ने एक मिसाल पेश की है
उधमसिंहनगर और चम्पावत में जलभराव के दौरान SDRF ने 600 से अधिक लोगों को राफ्ट के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सम्मेलन के दौरान उपसेनानायक विजेन्द्र दत्त डोभाल, मिथिलेश कुमार सहायक सेनानायक, श्यामदत्त नौटियाल इत्यादि अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।
सराहनीय सेवा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं
एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने उपसेनानायक विजेंद्र दत्त डोभाल को सराहनीय सेवा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा मिले पदक, निरीक्षक हरक सिंह राणा को राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त पदक और निरीक्षक जगदम्बा प्रसाद निरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण और आरक्षी विपिन आर्य, मातबर सिंह और देवेंद्र सिंह को डीजीपी द्वारा प्रदान किए गए सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
सुरक्षा और सतर्कता
कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने मौसम और आपदा की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए SDRF की सभी पोस्टों पर तैनात जवानों को 24 घंटे अलर्ट रहने एवं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सर्च ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही रेस्क्यू कार्यों में ड्रोन का भी ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने पर जोर दिया।