ऋषिकेश 23 अगस्त। कोलकाता में रेजिडेंस महिला डॉक्टर से दुष्कर्म उसकी हत्या समेत विभिन्न स्थानों पर हो रहे महिला उत्पीड़न के विरोध में विभिन्न संगठनों के लोगों ने शहर में जनाक्रोश रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने उपस्थिति दर्ज कराई। तहसील में विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र एसडीएम कुमकुम जोशी को सौंपा।
शुक्रवार को ऋषिकेश बार एसोसिएशन, मानवाधिकार युवा संगठन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े महिलाएं और पुरुष देशभर में महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न के विरोध में नटराज चौक पर एकत्रित हुए। यहां कोलकाता में रेजिडेंस महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की। जुलूस की शक्ल में बहन हम शर्मिंदा है तेरे कातिल जिंदा है…, वी वांट जस्टिस आदि के नारे लगाते हुए शैल विहार स्थित तहसील पहुंचे। तहसील में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी के बीच राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र उप जिलाधिकारी ऋषिकेश को सौंपा। एक स्वर में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
इस दौरान कार्यक्रम सयोंजक अभिनव सिंह मालिक एडवोकेट व आरती मित्तल एडवोकेट ने कहा की हमारे समाज में महिलाओं और बहनों के साथ हो रहे अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ये घटनाएं हमारे समाज की नैतिकता और सभ्यता पर गहरा आघात हैं।
विरोध प्रदर्शन में बार एसोसिएशन के सचिव कपिल शर्मा, मानवाधिकार युवा संगठन की प्रदेश अध्यक्ष अशर्फी रणावत, उपाध्यक्ष किरण त्यागी, मीडिया प्रभारी सुधा असवाल, अधिवक्ता राजेश कुमार साहनी, खुशबू अन्थवाल, प्रियंका नेगी, अंजू भारद्वाज, ज्योति गौड़, गुरप्रीत कौर, पूजा बेलवाल, नीतू, निशा भट्ट, अनीता, बरखा, सुधा, ललित मोहन मिश्र, राकेश सिंह मियां, अजय ठाकुर, महेश शर्मा, इमरान सैफी, सिंहराज पोसवाल, ऋषभ, पूर्व पार्षद मनीष शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष निर्मला उनियाल, उपाध्यक्ष गीता मित्तल, जिला विधिक प्राधिकरण से विभा नामदेव, अमिता चौहान, ममता रमोला, राजकुमारी जुगलान, राजेश्वरी लेखवार, मनोरमा रावत, सुशीला बिष्ट मीनाक्षी कपरुवान, अपर्णा सिंह आदि शामिल रहे।
यह रही प्रमुख मांगे….
1. महिला सुरक्षा कानूनों का सख्ती से पालन, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।
2. महिला हेल्पलाइन को प्रभावी बनाना: महिला हेल्पलाइन सेवाओं को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
3. महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण: सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएं और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं।
4. रात्रि के समय महिलाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गश्त और निगरानी की व्यवस्था की जाए, ताकि वे बिना किसी डर के यात्रा कर सकें और कामकाजी महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें। खासकर उन क्षेत्रों में जहां महिलाओं का आना-जाना अधिक होता है, वहां सीसीटीवी और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की जाए।