ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में सोशल मीडिया पर निजी चैनल चलाने वाले पर हुए जानलेवा हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। इस प्रकरण में एकजुट हुए विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने एक बड़ी पंचायत आयोजित की, जिसमें शराब तस्करी और उसके दुष्परिणामों पर विस्तृत चर्चा की गई। आरोप लगाया कि शराब माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जो चिंताजनक है।
हरिद्वार रोड स्थित नीलकंठ वेडिंग पॉइंट पर स्थानीय नागरिकों ने निजी न्यूज चैनल के पत्रकार योगेश डिमरी पर हुए जानलेवा के विरोध में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें उपस्थित लोगों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक स्वर में इस घटना की निंदा की। बताया कि बड़ी महापंचायत में कांग्रेस, बीजेपी, यूकेडी, आप समेत कई राजनीतिक दलों के लोग तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। बड़ी महापंचायत में मौजूद लोगों ने कुछ बिंदुओं पर सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है, जिसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक स्वर में कहा कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन के बाद होंगे।
महापंचायत में सरकार के सम्मुख रखा इन मांगों को
1. विमलेश पत्नी सुनील वालिया द्वारा लिखाई गई एफआईआर को तुरंत खारिज किया जाए, जो झूठ है
2. यह अपराध संगठित होकर प्लान बनाकर कारित किया गया है, जो कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 तथा गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत करवाई की जाए
3. शराब तस्कर तथा इनके रिश्तेदारों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को राज्य सरकार शीघ्र जब्त करे
4 . उक्त शराब माफिया और उसके साथियों की एक साल की काल डिटेल्स निकालकर प्रभावशाली मिलीभगत का पर्दाफाश किया जाए
5. बाकी खुले घूम रहे हमलावरों की तुरंत गिरफ़्तारी की जाए
6. ऋषिकेश क्षेत्र के अन्य माफियाओं को जिलाबदर किया जाए ।
सरकार से बातचीत को बनाया डेलीगेशन
महापंचायत में सरकार तथा पुलिस के आला अधिकारियों से वार्ता करने के लिए एक डेलीगेशन बनाया गया, जिसमें विकास सेमवाल, रामरतन रतूड़ी, जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा नरेंद्र रावत, शिक्षाविद हिमांशु रावत, प्रमोद शर्मा, आशुतोष शर्मा, एडवोकेट लालमणि रतूड़ी, राजीव थपलियाल, विनोद चौहान, हर्ष ग्वाडी, संजीव चौहान, मानवेंद्र कंडारी, सतीश रावत, विजय बिष्ट, विपिन पंत, विजय बडोनी, निर्मल उनियाल, दीपिका व्यास, प्रभाकर पैन्यूली, पवन पांडे आदि मुख्य रूप से नामित किये गए हैं।