ऋषिकेश 1 अक्टूबर। महाराष्ट्र की तरह देवभूमि उत्तराखंड में भी गोवंश को राज्य माता का दर्जा देने को लेकर संत समाज मुखर हुआ है। संत समाज ने एक स्वर में उत्तराखंड सरकार से गाय को राज्य माता घोषित करने की मांग की है।
अखिल भारतीय संत समिति, विरक्त वैष्णो मंडल संत समाज ने एक बैठक आयोजित कर महाराष्ट्र में गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने के फैसले का स्वागत किया है। संतों ने चर्चा कर उत्तराखंड में भी गौ माता का दर्जा देने की मांग उत्तराखंड सरकार से की है।
संतों ने बैठक में खासतौर पर देसी गाय के विलुप्त होने और उनकी बदतर स्थिति को देखते हुए और उत्तराखंड के पहाड़ों में जो बद्री गाय हैं, उसके लुप्त होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार से तत्काल प्रभाव से इस पर अमल करने की मांग की है। तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया जाना चाहिए यह सबसे पहले होना चाहिए था लेकिन महाराष्ट्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं।
माता ज्योतिर्मयानंद सरस्वती ने गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिए जाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार का फैसला काबिले तारीफ है।
भिवानी पंचायती अखाड़े से जुड़ी साध्वी जूनागढ़ कौशिकी गिरी मां ने उत्तराखंड में जल्द से जल्द इसको गौ माता का दर्जा दिया जाने और महाराष्ट्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
महंत उमेशांन्द महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे पहले यह फैसला होना चाहिए था। गो वंश की सुरक्षा और उसको संरक्षण के लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए। समाजसेविका बीना गुप्ता ने मांग की है कि विद्यालयों में वह छोटे बच्चों को गाय के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए।
मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर बिंद्रावन दास महाराज, युवराज संत गोपालाचार्य, जगत गुरु पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य महाराज, आलोक हरि, करुणा शरण आदि ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर हर्ष व्यक्त किया है।