निर्मल आश्रम के स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में दूसरों का जीवन बचाने आगे आए 101 महादानी
ऋषिकेश 10 अक्टूबर। चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय भूमिका निभा रहे निर्मल आश्रम अस्पताल ऋषिकेश की ओर से आयोजित 15वें स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में दूसरों का जीवन बचाने के लिए 101 महादानी आगे आए, जिन्होंने स्वेच्छा से ब्लड डोनेट किया। इस मौके पर निर्मल आश्रम परिवार के महंत राम सिंह महाराज ने कहा कि मनुष्य को जीते-जीते रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। मानव सेवा से बढ़कर दुनिया में कोई कार्य नहीं है।
गुरुवार को मयपूर्ण स्थित निर्मल आश्रम में परिवर्तन चैरिटेबल बल्ड बैंक के सहयोग से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। बीटीओ डॉ. इंदु शर्मा की देखरेख में मौके पर मौजूद लैब टेक्नीशियन संदीप चौधरी, कविता राणा, नारायणी मिश्रा, रिया गोयल, राहुल, शमशेर, सरफराज, अनुष्का आदि ने रक्तदान से पहले रक्तदाताओं के हीमोग्लोबिन, रक्त समूह आदि की जांच की। जांच के बाद लोगों ने ब्लड डोनेट किया।
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का शुभारंभ निर्मल आश्रम परिवार के महंत राम सिंह महाराज ने रिबन काटकर किया। बताया कि निर्मल आश्रम में तीन दिन तक चलने वाले बरसी समागम के दूसरे दिन यानि कि आज परिवर्तन चैरिटेबल बल्ड बैंक के सहयोग से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। इस दौरान संत जोध सिंह महाराज ने चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में निर्मल आश्रम की ओर से चल रहे जन कल्याणकारी कार्यों को जारी रखने का आश्वासन दिया। अस्पताल चिकित्सा निदेशक डा. अजय शर्मा ने बताया कि संस्था साल में दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन करती है। इस 15वें स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 101 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान के जरिए मानवता की सेवा में अपना योगदान दिया। इस मौके पर निर्मल आश्रम के प्रशासनिक अधिकारी विक्रमजीत सिंह के अलावा करमजीत सिंह, अमन कुमार, हरमनप्रीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, दिनेश शर्मा, हरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, दविंदर सिंह भट्टी, अनिल किंगर अन्य मौजूद रहे।