कर्णप्रयाग रेल से सफर को करना पड़ेगा अभी ओर इंतजार! परियोजना पूरी होने की डेडलाइन फिर बढ़ी

ऋषिकेश 22 नवंबर। तीर्थनगरी ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल से सफर करने वालों को अभी ओर इंतजार करना पड़ेगा। कार्यालय संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड ने दिसंबर 2026 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। पहले यह डेडलाइन वर्ष 2025 तक थी।

देवभूमि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन कार्य तेजी से गतिमान है। इस परियोजना कि सबसे लंबी सुरंग 14.58 किमी के निर्माण के साथ 12 स्टेशनों तथा 19 प्रमुख रेल पुलों का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
शुक्रवार को हरिद्वार बाईपास मार्ग स्थित रेल विकास निगम लिमिटेड के मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेल परियोजना का सुरंग कार्य 2019 में प्रारंभ हुआ है और अभी तक कल 6 एमटी और 6 एस्केप सुरंगों की की खुदाई पूरी हो चुकी है। सबसे लंबी खुदाई t-13 की है जो 9.50 किलोमीटर लंबी है।
एक सवाल के जवाब में मुख्य परियोजना प्रबंधक ने बताया कि शिवपुरी, गुल्लर और अलकनंदा नदियों पर 9 में से पांच बड़े पुल पूरे हो चुके हैं, जबकि 13 पूलों को इस वर्ष पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए ब्लास्ट रहित ट्रैक के लिए 750 करोड़ की लागत का टेंडर हो चुका है और कार्य प्रगति पर है। स्टेशन निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है जनवरी 2025 में इसे जारी किया जाएगा। पत्रकारवार्ता में आरवीएनएल के प्रोजेक्ट मैनेजर ओपी मालगुडी आदि मौजूद रहे।

दिलचस्प बात यह है कि 125 किलोमीटर रेल लाइन में करीब 104 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत सुरंगो से गुजरेगा। यानी कि इस रेल का सफर रोमांच भरा होगा। परियोजना में प्रतिदिन 170 मीटर सुरंग बनाने का कार्य किया जा रहा है।

 

भूकंपों के दृष्टिगत अधिक सुरक्षित बनाई सुरंगें
ऋषिकेश। आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक ने बताया कि सभी सुरंगों को वाटरप्रूफ बनाया जा रहा है जिससे वर्षा के दौरान भी आवागमन में किसी प्रकार की रुकावट पैदा न हो। इस परियोजना को हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकंपों की दृष्टि से अत्यधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। परियोजना में तीन किलोमीटर से लंबी मुख्य सुरंगों के साथ निकासी सुरंगों का भी निर्माण किया गया है जिससे आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित किया जा सके।

अधिग्रहण की गई भूमि दे चुके हैं पूरा प्रतिकर
रेल परियोजना प्रबंधक ने बताया कि परियोजना में अधिग्रहण की गई भूमि का पूर्ण रूप से प्रतिकर दे दिया गया है। रेलवे कर्मचारियों के लिए आवासीय व सर्विस कॉलोनी का भी निर्माण किया जाएगा। आपातकालीन स्थिति अग्निशमन के लिए अतिरिक्त पानी के टैंकों का निर्माण किया जाएगा, जिसका कार्य भी प्रगति पर है।

यह चल रहे सीएसआर के कार्य
रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि ऋषिकेश कल प्रयाग रेल परियोजना के तहत केदारनाथ धाम मैं तीर्थ स्थल ब्लॉक उपलब्ध कराने, बद्रीनाथ में पेयजल वेंडिंग मशीन, सार्वजनिक शौचालय की स्थापना, अल्मोड़ा जिले में वंचित लड़कों के लिए छात्रावास का निर्माण, जनपद रुद्रप्रयाग में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और मिट्टी और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना टिहरी और चमोली जिले के चयनित गांव का विकास आदि सीएसआर कार्य चल रहे हैं।

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