मानवता की सेवा से इंसान करता है आत्मिक शान्ति का अनुभव: महंत राम सिंह महाराज
ऋषिकेश। शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा में अग्रणीय भूमिका निभा रहे निर्मल आश्रम परिवार ऋषिकेश के स्थापना दिवस पर श्रद्धालुओं को गुरु का लंगर के साथ निशुल्क चिकित्सा सेवा भी मिल रही है। निर्मल आश्रम ऋषिकेश नव वर्ष अभिनंदन एवं अपने दो संस्थानों का स्थापना दिवस उत्सव मना रहा है। तीन दिवसीय उत्सव की समाप्ति 31 दिसंबर को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ की जाएगी।
निर्मल आश्रम के महंत राम सिंह के सानिध्य एव संत जोध सिंह के निर्देशन में नए साल के आगमन पर हर साल की भांति अपने दो संस्थानों निर्मल आश्रम अस्पताल (मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल) का 34 वां एवं निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल का 27वां स्थापना दिवस का समागम धूमधाम से मना रहा है। इसके तहत 29 दिसंबर रविवार की रात श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के 51 अखंड पाठों का शुभारंभ हुआ। 31 दिसंबर रात उत्सव में आमंत्रित साधू-संतो के भंडारे के साथ चल रहे पाठों के भोग, गुरूवाणी शब्द कीर्तन के उपरांत इन संस्थानों की प्रगति, सुख-शांति एवं निरंतर सेवारत रह कर समाज कल्याण में योगदान देते रहने की अरदास के बाद समागम की समाप्ति होगी।
महंत राम सिंह महाराज ने कहा कि मानवता की सेवा से इंसान आत्मिक शान्ति का अनुभव करता है। ईश्वर प्राप्ति का एक मार्ग निस्वार्थ भाव से उसकी रचना की सेवा करना भी है। इस तीन दिवसीय समागम में गुरू का लंगर, मुफ्त डाक्टरी सेवा लगातार उपलब्ध रहेगी।
संत जोध सिंह महाराज ने बताया कि इन दो संस्थानो के अतिरिक्त निर्मल आश्रम ऋषिकेश अपने दो और संस्थानों निर्मल आई इंस्टीट्यूट एवं निर्मल ज्ञानदान अकादमी के द्वारा भी चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में अभूत पूर्व योगदान दे कर समाज कल्याण में अहम भूमिका निभा रहा है। साथ ही आश्रम के हरि कृपा सिलाई केंद्र में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मुफ्त सिलाई सिखाने एवं शिक्षण के बाद उन्हें मुफ्त सिलाई मशीन देकर स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्रकार निर्मल आश्रम निरंतर मानवता की सेवा में तत्पर है।