देहरादून 8 जनवरी। उत्तराखंड निकाय चुनाव के तहत आरक्षण प्रक्रिया को मुद्दा बनाते हुए उत्तराखंड समानता पार्टी ने आपत्ति जताई है। उसपा ने मामले में मुख्य सचिव उत्तराखंड से वर्तमान में चुनाव लड़ रहे गैर उत्तराखंडी के मूल निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने तक उनके चुनाव परिणाम रोक दिए जाने की मांग की है।
उत्तराखंड समानता पार्टी के केंद्रीय प्रमुख महासचिव एलपी रतूड़ी एवं युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष आशुतोष कोठारी नें मुख्य सचिव उत्तराखंड राधा रतूडी़ से मुलाकात कर उत्तराखंड में आरक्षण की दोषपूर्ण व्यवस्था पर आपत्ति जताई है। ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि वर्तमान स्थानीय निकाय चुनाव में गैर उत्तराखंडी भी आरक्षण के तहत चुनाव लड़ रहे हैं जो असंवैधानिक है। जबकि पूरे देश में आरक्षण का लाभ सिर्फ उस राज्य के मूल निवासियों को ही दिया जाता है। देश का अकेला राज्य उत्तराखंड ऐसा राज्य है जिसका पालन इस राज्य में नहीं हो रहा है, यहां तक देखा गया है कि जो जातियां उत्तराखंड की अनुसूची में निर्दिष्ट नहीं है वे भी आरक्षण के तहत चुनाव लड़ रहे हैं, पूरे प्रकार की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया कि गैर उत्तराखंडी जो आरक्षण का लाभ ले रहे हैं यदि वे चुनाव लड़ रहे हों उनसे मूल निवास प्रमाण पत्र मांगे जाएं। जब तक मूल निवास प्रमाण पत्र की जांच ना हो जाए तब तक उनके चुनाव परिणाम रोक दिए जाने चाहिए।
मूल निवास प्रमाण पत्र नहीं तो राजकीय सेवा से हटाएं
उत्तराखंड सामान्य पार्टी ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को सुझाव दिया कि राज्य में आरक्षण के तहत जितनें लोग उत्तराखंड में राजकीय सेवाओं में सेवायोजित हुए हैं, एक समयबद्ध उनसे मूल निवास प्रमाण पत्र मांगे जाएं। जो मूल निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर पाएं उनकी सेवाएं बरकरार रखी जाएं और जो मूल निवास प्रमाण पत्र देने में असमर्थ हो उन्हें सेवा से हटा दिया जाए। मुख्य सचिव उत्तराखंड ने प्रकरण सचिव समाज कल्याण को परीक्षण हेतु अग्रसारित किया है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ने बताया कि सचिव समाज कल्याण ने प्रकरणों की जांच कर शीघ्र कार्रवाई आश्वासन दिया है।