ऋषिकेश 10 जनवरी। ऊर्जा निगम पर उपभोक्ताओं के आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एकजुट हुए सेवा निवृत्त राजकीय पेंशनर्सो ने आंदोलन की चेतावनी दी है। पेंशनर्स संगठन का आरोप है कि ऊर्जा निगम प्रतिमाह बिजली की रीडिंग नहीं ले रहा है। नतीजतन 4 महीने का बिल आने पर उपभोक्ताओं को विलंब शुल्क के नाम पर जेब ढीली करनी पड़ रही है।
शुक्रवार को सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन मुनिकीरेती-ढालवाला की मासिक बैठक में ऊर्जा निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन अध्यक्ष शूरवीर सिंह चौहान ने कहा कि बिजली विभाग प्रतिमाह विद्युत रीडिंग नहीं ले रहा है, जिससे चार माह का बिल आने पर उस पर विलंब शुल्क दिया जा रहा है जिससे कि उपभोक्ताओं का आर्थिक उत्पीड़न हो रहा है। चेताया कि कार्यप्रणाली पर सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन के बाध्य होंगे। इस दौरान संगठन के सचिव भगवती प्रसाद उनियाल ने 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को एक नेशनल(काल्पनिक) वेतन वृद्धि अनुमन्य किए जाने की तिथि उत्तर प्रदेश की भांति 1-1-2006 करने की मांग की। संगठन कोषाध्यक्ष जबर सिंह पंवार ने सरकार से मांग की कि गोल्डन कार्ड की ओ.पी.डी. व जांच नि:शुल्क करने एवं लगभग 35000 पेशनरों के पुन: गोल्डन कार्ड बनाने का शासनादेश निर्गत करने की सरकार से मांग की है।
मौके पर शीला रतूडी, प्रेमवती पाण्डेय, उमा सेमवाल, विजेन्द्र रावत, राजेन्द्र भण्डारी, विशालमणि ममगाईं, मोहन रावत, भगवान राणा, अरविंद सिंह तोमर, लक्ष्मी प्रसाद रतूड़ी, अनुसूया प्रसाद पैन्यूली, अब्बल सिंह चौहान, रविन्द्र बिजल्वाण, विश्वनाथ भट्ट, जयपाल सिंह नेगी, जनार्दन प्रसाद उनियाल, गोपाल दत्त खंडूड़ी, प्रजा बहादुर, गोरा सिंह पोखरियाल, क्षेत्रपाल नेगी, जगमोहन थलवाल, ओम शर्मा, पूर्णानंद बहुगुणा, बलवीर पंवार, मंत्री प्रसाद गैरोला, पदम बिष्ट, देवीदत्त उनियाल, पुरुषोतम थपलियाल, ओम प्रकाश थपलियाल, सोबन सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।