उत्तराखंड की बेटी को मिला न्याय: अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का बड़ा फैसला

कोटद्वार, उत्तराखंड। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354 (छेड़छाड़), और अनैतिक देह व्यापार (आईटीपीए) अधिनियम की धाराओं में दोषी करार दिया।

▶️ अदालत का सख्त रुख, आर्थिक दंड भी लगाया

कोर्ट ने दोषियों को उम्रकैद के साथ 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। अदालत के इस फैसले से अंकिता को न्याय मिलने की उम्मीद लगाए बैठी जनता और परिजनों को बड़ी राहत मिली है।

▶️ फैसले से पहले उग्र हुई भीड़, पुलिस ने रोका

फैसले के ऐन पहले न्यायालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जुट गए। भारी भीड़ ने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग तोड़ते हुए कोर्ट की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसे पुलिस बल ने पूरी ताकत से रोका।

▶️ दो साल आठ महीने बाद आया फैसला

करीब दो वर्ष आठ महीने पुराने इस मामले में कोर्ट ने अपना अंतिम निर्णय सुनाया। अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302, 201, 354ए आईपीसी और धारा 3(1)(डी) आईटीपीए के तहत दोषी पाया गया। सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोपों में दोषी करार दिया गया।

▶️ सरकार की सक्रियता और कड़ी पैरवी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को लेकर शुरू से ही सख्त रुख अपनाया। सरकार की ओर से एसआईटी का गठन किया गया, जिसकी कमान डीआईजी पी. रेणुका देवी को सौंपी गई। जांच के दौरान एसआईटी ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 100 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए।
सरकार ने अभियुक्तों की जमानत का हर स्तर पर विरोध किया और पैरवी को मजबूत करने के लिए तीन बार सरकारी वकील बदले गए।

▶️ सरकार ने निभाया वादा, दिया साथ

मुख्यमंत्री धामी ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का वादा किया था। इस दिशा में सरकार ने न सिर्फ मजबूत पैरवी की, बल्कि अंकिता के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता भी दी। साथ ही उनके भाई और पिता को सरकारी नौकरी भी प्रदान की गई।

“यह फैसला उत्तराखंड के न्यायिक इतिहास में एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि बेटियों के साथ अन्याय करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नेशनल खबर11 में आपका हार्दिक अभिनंदन हैं, यहां आपकों 24×7 के तर्ज पर पल-पल की अपडेट खबरों की जानकारी से रूबरू कराया जाएगा,खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें- +91 9927600243,हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें साथ ही फेसबुक पेज को लाइक अवश्य करें।धन्यवाद