
ऋषिकेश, 4 सितंबर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (NIRF-2025) में शानदार उपलब्धि हासिल की है। मेडिकल शिक्षा की श्रेणी में एम्स ऋषिकेश ने गतवर्ष की तुलना में एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए 13वां स्थान प्राप्त किया है। वहीं, ओवरऑल कैटेगरी में संस्थान ने देशभर में 78वीं रैंक दर्ज की है। एम्स ऋषिकेश ने इन मानकों पर खरा उतरते हुए देशभर के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों को कड़ी टक्कर दी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में एम्स ऋषिकेश ने मेडिकल कैटेगरी में देशभर में 14वीं रैंक हासिल की थी। इस बार संस्थान ने एक पायदान की बढ़त दर्ज कराकर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है।
एम्स दिल्ली के बाद सर्वोच्च स्थान
एनआईआरएफ की मेडिकल एजुकेशन रैंकिंग में एम्स दिल्ली के बाद देशभर में स्थापित समस्त एम्स संस्थानों में एम्स ऋषिकेश ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं और गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए संस्थान ने नई एम्स श्रृंखला के बीच अप्रत्याशित सफलता दर्ज की है।
संस्थान में जश्न का माहौल
इस उपलब्धि को लेकर एम्स ऋषिकेश में शिक्षकों, चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा संस्थान गुणवत्तापरक मेडिकल शिक्षा और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य देश और दुनिया को बेहतर चिकित्सक उपलब्ध कराना है और यही संकल्प हमें प्रगति की ओर अग्रसर कर रहा है।
एनआईआरएफ की रैंकिंग प्रक्रिया
दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 की रैंकिंग घोषित की गई। एनआईआरएफ का यह ढांचा मेडिकल और उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन पाँच प्रमुख मानदंडों पर करता है —शिक्षण, अधिगम और संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता धारणा