
श्राद्ध कार्य भी दोपहर 12:53 बजे से पहले समाप्त कर लेना आवश्यक
ऋषिकेश/देहरादून। 7 सितंबर को वर्ष का खास खगोलीय घटना चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण रात्रि 9:53 बजे से शुरू होकर मध्य रात्रि 1:25 बजे तक रहेगा।
⏰ सूतक काल
ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पूर्व यानी दोपहर 12:53 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा। सूतक काल में सामान्यत:
भोजन करना, मंदिर जाना, पूजा-पाठ करना, निषेध माना जाता है।
क्या करें और क्या न करें
➡️सूतक काल में केवल बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति भोजन कर सकते हैं।
➡️इस दौरान घर के पूजा घर से दूर बैठकर जप, पाठ और भजन-कीर्तन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
➡️दोपहर 12:53 बजे से पहले जल, दूध और खाने-पीने की वस्तुओं पर कुशा, दूब या तिल डाल देना चाहिए ताकि वे शुद्ध रहें।
किस राशि पर रहेगा प्रभाव?
ज्योतिषाचार्य पंडित विमल भट्ट के अनुसार इस चंद्रग्रहण का प्रभाव मुख्य रूप से कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा।
ग्रहण से जुड़े ज्योतिषीय उपाय
चंद्रग्रहण के समय किए गए उपाय विशेष फलदायी माने जाते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार—
1. मंत्र जाप करें – भगवान शिव, विष्णु या देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और शुभ फल मिलता है।
2. दान करें – ग्रहण समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े, तिल और चावल का दान करना शुभ होता है।
3. स्नान करें – ग्रहण खत्म होते ही गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें। संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान करें।
4. मूर्ति शुद्धि करें – पूजा घर की मूर्तियों को स्नान कराकर ताजे फूल और प्रसाद चढ़ाएं।
5. जप-कीर्तन – ग्रहण काल में “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” अथवा “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है।
➡️ग्रहण के समय वातावरण में हानिकारक किरणों का प्रभाव नहीं बढ़ता।
➡️भोजन और पानी पर दूषित असर पड़ने के दावे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं हैं।
➡️वैज्ञानिक इसे प्रकृति का अद्भुत नजारा मानते हैं और आमजन को इसे देखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।