
काठमांडू। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता शून्य की स्थिति बनी हुई है। अब देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे बताया जा रहा है।
जेन-जेड आंदोलन ने दिया समर्थन
सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद जेन-जेड आंदोलन की वर्चुअल बैठक में सुशीला कार्की को सबसे ज्यादा समर्थन मिला। इस बैठक में पांच हजार से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें से अधिकांश ने उनके नाम का समर्थन किया। बताया जा रहा है कि कार्की ने पहले ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के लिए 1,000 हस्ताक्षरों की मांग की थी, लेकिन उन्हें 2,500 से ज्यादा लिखित समर्थन मिल चुका है।
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ। उन्होंने राजनीति शास्त्र और कानून की पढ़ाई की और वकालत से करियर की शुरुआत की। नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद उन्होंने कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की। उनके फैसलों ने लोकतंत्र और न्यायपालिका की भूमिका को और मजबूत किया।
बैठक में अन्य नाम भी आए सामने
कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए अन्य नामों में कुलमान घिसिंग, सागर ढकाल और हर्क साम्पांग का भी जिक्र हुआ। इसके अलावा लोकप्रिय यूट्यूबर ‘रैंडम नेपाली’ (राष्ट्रबिमोचन तिमालसिना) को भी समर्थन मिला, हालांकि उन्होंने कहा कि वह तभी आगे बढ़ेंगे जब कोई और तैयार न हो।
नेपाल में हालात
सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके चलते प्रधानमंत्री ओली को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में आगजनी की। हालांकि, सेना ने हालात को काबू करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
प्रदर्शनों के सूत्रधार
युवाओं के इन प्रदर्शनों में तीन नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं:
सुदन गुरुंग – 2015 के भूकंप और कोरोना महामारी में राहत कार्यों से पहचान बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता।
बालेंदर (बालेन) शाह – काठमांडू के मेयर, जो सिविल इंजीनियर और रैप आर्टिस्ट भी रहे हैं।
रबि लमिछाने – एक लोकप्रिय नेता, जिनका युवाओं में खासा प्रभाव है।
आगे का रास्ता
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए सुशीला कार्की, बालेन शाह और कुलमान घिसिंग के नामों पर विचार चल रहा है। अभी तक किसी एक नाम पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बीच नेपाल में 24 घंटे से अधिक समय से सरकार का अभाव है और नई अंतरिम व्यवस्था की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।
👉 अब सबकी नजर इस पर है कि नेपाल का अगला कार्यवाहक प्रधानमंत्री कौन होगा और क्या सुशीला कार्की देश का नेतृत्व करने वाली पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी।