
17 सितंबर 2025 | Bengaluru
बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़ी अग्रणी कंपनी एआरएम के नए कार्यालय का शुभारंभ केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब एआई सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले 2 नैनोमीटर (2 एनएम) के सबसे उन्नत चिप्स भारत में ही डिज़ाइन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य न केवल सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन करना है, बल्कि उपकरण और आवश्यक सामग्रियों का उत्पादन भी करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन के लिए 20 वर्षों की दूरदर्शी योजना दी है, जिससे भारतीय युवाओं और इंजीनियरों को विश्वस्तरीय अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने मोबाइल और लैपटॉप की असेंबली से शुरुआत की थी, लेकिन अब देश मॉडल, कंपोनेंट्स और तैयार सामग्रियों के उत्पादन की दिशा में व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है।
भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र 1 ट्रिलियन डॉलर के उद्योग के रूप में उभर रहा है और इसमें विशाल प्रतिभा की आवश्यकता है। फिलहाल 278 संस्थान और विश्वविद्यालय इस दिशा में काम कर रहे हैं।
अब तक 25 संस्थानों के छात्रों द्वारा डिज़ाइन की गई 28 चिप्स तैयार हो चुकी हैं, जो भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की सफलता का प्रमाण है।
भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में नई उपलब्धि
वैष्णव ने कहा कि एआरएम की नई बेंगलुरु इकाई मोबाइल फोन सहित विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 2 एनएम चिप्स और अन्य चिप्स डिजाइन करेगी। उन्होंने इसे भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।
इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में छह गुना वृद्धि
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीते 11 वर्षों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 6 गुना वृद्धि हुई है और वर्तमान में इसका मूल्य 11.5 लाख करोड़ रुपए है। निर्यात भी 8 गुना बढ़ा है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स भारत का प्रमुख निर्यात उत्पाद बनते जा रहे हैं।
अब फोकस उपकरणों और सामग्रियों पर
सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण में अब चिप्स के लिए उपकरण और सामग्रियों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस मौके पर कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड (CUMI) ने सेमीकंडक्टर निर्माण में इस्तेमाल होने वाली कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियों और उच्च परिशुद्धता वाले घटकों का प्रदर्शन किया।