सड़क मार्ग से लगता है करीब 3 घंटे का समय, ड्रोन का ट्रायल सफल चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगी यह तकनीक ऋषिकेश। अब एम्स ऋषिकेश से उत्तराखंड के दूर दराज क्षेत्रों के मरीजों के उपचार के लिए ड्रोन के माध्यम से दवा पहुंचाई जा सकेगी। गुरूवार को एम्स से टिहरी स्थित जिला चिकित्सालय दवा पहुंचाकर इसका सफल ट्रायल किया गया। देश का यह पहला एम्स है, जो इस तकनीक का उपयोग कर जरूरतमंदों तक आवश्यक दवा पहुंचाएगा।
एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से टिहरी तक 36 किमी. की यह हवाई दूरी ड्रोन ने 29 मिनट में पूरी की। एम्स ऋषिकेश से टीबी के मरीजों को ड्रोन से दवा भेजने का यह ट्रायल पूर्णतः सफल रहा। इस दौरान एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में यह सुविधा विशेष लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। पहाड़ के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बीमार लोगों तक इस माध्यम से दवा पहुंचाकर उनका समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। साथ ही इस सुविधा से आपात स्थिति में फंसे लोगों तक भी तत्काल दवा अथवा इलाज से संबंधित मेडिकल उपकरण पहुंचाए जा सकेंगे। बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के घायल हो जाने अथवा गंभीर बीमार हो जाने की स्थिति में, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे जरूरतमंदों तक दवा पहुंचाने तथा दूरस्थ क्षेत्रों से एम्स तक आवश्यक सैंपल लाने में इस तकनीक का विशेष लाभ मिलेगा। इसके अलावा आंखों की कार्निया के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में भी इस तकनीक का उपयोग कर समय की बचत की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है चारधाम यात्रा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते कई तीर्थयात्रियों को तत्काल दवा अथवा मेडिकल उपकरणों की आवश्यकता पड़ जाती है। एम्स ऋषिकेश की यह सुविधा उन्हें तत्काल दवा पहुंचाने में कारगर सिद्ध हो सकती है।
मौके पर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उप निदेशक (प्रशासन) ले.कर्नल ए.आर. मुखर्जी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज गुप्ता, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला, संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, माइक्रोबायलॉजी विभाग के डा. जितेन्द्र गैरोला, फार्मोकोलॉजी विभाग के डॉक्टर विनोद के अलावा गुड़गांव स्थित टेकेग्ल इनोवेशन कंपनी के अधिकारी गौरव आसुधानी और विश्वास कपूर आदि मौजूद रहे।