
देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल | 8 जुलाई:
टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के छाम गांव में लोकतंत्र की एक नई मिसाल कायम की गई है। परंपरागत चुनावी संघर्ष, वोट बैंक और जातिगत राजनीति को किनारे रखते हुए गांववासियों ने सर्वसम्मति से देवाशीष रतूड़ी को ग्राम प्रधान चुना। यह निर्णय न केवल गांव के परिपक्व सोच को दर्शाता है, बल्कि पूरे उत्तराखंड के ग्रामीण विकास के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है। मौके पर बिहारी लाल रतूड़ी, जय लाल रतूड़ी, पी. एल. रतूड़ी, अजय भारद्वाज, सत्य नारायण रतूड़ी, अनुपम रतूड़ी सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे गांव के भविष्य के लिए सही दिशा में उठाया गया कदम बताया।
🔔 गांव का नारा: “न वोट, न भावनाओं पर चोट — सिर्फ विकास की सोच”
छाम गांव के लोगों ने यह तय कर लिया कि अब नेतृत्व उस व्यक्ति को मिलेगा जो असल में गांव की भलाई के लिए कार्य कर सके। देवाशीष रतूड़ी को सर्वसम्मति से समर्थन देने के पीछे उनकी सामाजिक सक्रियता, युवा ऊर्जा और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मुख्य कारण बताया गया।
कौन हैं देवाशीष रतूड़ी?
शिक्षित, सामाजिक रूप से जागरूक और वर्षों से ग्रामीण विकास के कार्यों में लगे देवाशीष रतूड़ी गांव के युवाओं में एक प्रेरणास्रोत माने जाते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, स्वरोजगार और आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। यही कारण है कि गांव की हर पीढ़ी ने उन्हें एकमत से नेतृत्व के योग्य समझा।
एक वरिष्ठ ग्रामीण नागरिक ने कहा, “अब हमें टकराव नहीं, तरक्की चाहिए — और देवाशीष वही चेहरा हैं जो गांव को आगे ले जा सकते हैं।”
राज्य के लिए प्रेरणा बनता छाम गांव
छाम गांव का यह फैसला पूरे उत्तराखंड और देश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक स्पष्ट संदेश है — यदि जनता एकजुट हो जाए, तो बिना किसी टकराव के भी योग्य नेतृत्व चुना जा सकता है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो बताता है कि सच्चे लोकतंत्र में निर्णय विचार और सहयोग से होते हैं, न कि संघर्ष और ध्रुवीकरण से।
📌 समाचार स्रोत: ग्राउंड रिपोर्ट / स्थानीय संवाददाता