दर्दनाक हादसे में घायल वन कर्मियों को अस्पताल पहुंचाने वाले राहवीर को किया गया सम्मानित

25 हजार की प्रोत्साहन राशि, हेलमेट और प्रतीक चिन्ह देकर नवाजा
ऋषिकेश, 11 जुलाई। सड़क हादसे में घायल वन कर्मियों की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश करने वाले ऋषिकेश निवासी टैक्सी चालक नरेश पाल को उत्तराखंड परिवहन विभाग ने राहवीर योजना के अंतर्गत सम्मानित किया।
शुक्रवार को आयोजित सड़क सुरक्षा संवाद कार्यक्रम में उन्हें 21,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि का चेक, एक सुरक्षा हेलमेट, और एक प्रतीक चिन्ह भेंटकर सहायक निदेशक, सड़क सुरक्षा नरेश कुमार संघल, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन व सड़क सुरक्षा) डॉ. अनीता चमोला, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया।
मौके पर रावत सिंह कटारिया (सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, प्रशासन), रश्मि पंत (सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, प्रवर्तन), संभागीयक निरीक्षक प्राविधिक प्रदीप सिंह रौथाण, दीपक पांडेय वरिष्ठ सहायक आदि मौजूद रहे।

हादसे की पृष्ठभूमि

8 जनवरी 2024 को चीला पावर हाउस के पास वन विभाग में ट्रायल के लिए लाए गए एक इलेक्ट्रिक वाहन का टायर फटने से गंभीर हादसा हो गया था। इस दुर्घटना में चार वन अधिकारी और एक महावत की मृत्यु, जबकि पांच वन कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। नरेश पाल, जो उस समय हरिद्वार से ऋषिकेश की ओर अपनी टैक्सी से आ रहे थे, ने मानवता दिखाते हुए स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को खाई से बाहर निकाला और 108 सेवा एवं अन्य रेस्क्यू वाहनों की मदद से उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया। घायलों को समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बच सकी।

कौन हैं नरेश पाल?

निवासी: चीला बैराज, ऋषिकेश
पेशा: टैक्सी चालक
बयान:> “मैं हरिद्वार से ऋषिकेश जा रहा था, तभी चीला के पास हादसे का दृश्य देखा। तुरंत गाड़ी रोकी और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर घायलों को निकाला।”

छात्रों को दी गई सड़क सुरक्षा की जानकारी

कार्यक्रम में एनडीएस स्कूल, डीएसबी, फुटहिल्स अकैडमी, और केंद्रीय विद्यालय (IDPL) के लगभग 40 छात्राओं ने भाग लिया। एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े सवाल पूछे गए: नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर क्या सजा है? शराब पीकर वाहन चलाने पर क्या दंड है?
डीटीओ अनिल कुमार भारती ने बताया‌ कि नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर 25,000 रुपए जुर्माना और अभिभावक को तीन साल की सजा का प्रावधान है।”

वीडियो बनाने की बजाय मदद करें: संघल

सहायक निदेशक नरेश कुमार संघल ने नसीहत देते हुए कहा सड़क दुर्घटनाओं के समय मोबाइल से वीडियो बनाने के बजाय घायल व्यक्तियों की तत्काल मदद करें, जिससे उनकी जान बचाई जा सके।”
उन्होंने राहवीर योजना की जानकारी साझा करते हुए कहा कि घायल को बचाने वाले राहवीर को रुपए 25,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अब सड़क हादसे में घायल की मदद करने वाले को पुलिस भी परेशान नहीं करती। एक से अधिक राहवीरों की पहचान होने पर प्रत्येक को 1,00,000 रुपए तक की सहायता देने का प्रस्ताव है।

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