-परिसंपत्ति को बंधक बनाए बिना मिलेगा लाभार्थी को 1.60 लाख का ऋण
-राज्य में अब तक 79508 लाभार्थियों को केसीसी से लाभांवित किया जा चुका है
देहरादून, 21 मार्च। भारत सरकार की ओर से संचालित किसान क्रेडिट कार्ड योजना का फायदा अब पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए पात्र लाभार्थी भी ले सकते हैं। उन्हें क्रेडिट किसान योजना में पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए किसी भी तरह की परसंपत्ति को बंधक बनाए बगैर 1.60 लाख रुपये का अल्पकालीन ऋण मिलेगा।
पहले किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग कृषि कार्यों से संबंधित गतिविधियों के लिए किया जाता था, लेकिन वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड योजना द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों के लिए लाभार्थियों को अल्पकालिक ऋण प्रदान किया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए 1.60 लाख तक के ऋण के लिए किसी भी परिसंपत्ति को बंधक रखने की आवश्यकता नहीं है। बैंकों द्वारा निर्धारित अवधि में ऋण भुगतान करने पर किसानों से मात्र 4 प्रतिशत ब्याज ही लिया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालकों को एक एटीएम कम क्रेडिट कार्ड प्राप्त होता है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पशुपालक पशुपालन से संबंधित तत्काल की जरूरत जैसे मवेशियों के लिए चारा-दाना की व्यवस्था, दवा, उपचार एवं अन्य व्यवस्था आसानी से कर सकता है। उसे इन कार्यों के लिए धन की व्यवस्था करने में परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। इसके साथ ही उच्च ब्याज दरों में किसी साहूकार इत्यादि से धन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लिये गये ऋण को 12 माह में किस्तों द्वारा जमा किया जाता है। वार्षिक समीक्षा के बाद हर साल किसान क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा बढ़ाई जा सकती है।
राज्य के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा कुल वितरित किए गए किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या के आधार पर कुल आवंटित लक्ष्यों के सापेक्ष 77 प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति कर देश में प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। वर्तमान में राज्य के 79508 लाभार्थियों को इस योजना से लाभांवित किया जा चुका है।