देहरादून, 2 जून। महिला सशक्तिकरण बाल विकास व महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने महिला कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण विषयों के बाबत बैठक ली, जिसमें विभागीय योजनाओं की कार्य प्रगति रिपोर्ट के साथ ही आगामी योजनाओं की जानकारी ली। आधी अधूरी तैयारियों पर विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई।
मंत्री रेखा आर्या ने राज्य के सभी जिलों में महिला कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित हो रही योजनाओं की प्रगति के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में व्यवहारिक रूप से आवश्यक व जनहितैषी संशोधन किये जाएं,जिससे आमजन को योजनाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विभाग के पास अलग से कोई ऐसी संस्था या भवन नहीं है, जहां केवल मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के देखरेख की व्यवस्था हो ऐसे में सभी जनपदों में ऐसे बच्चों की संख्या को ध्यान में देखते हुए देहरादून, उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार जिले में भवन निर्माण हेतु विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने संस्थानों में क्षमता से अधिक बच्चों के होने की स्थिति में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण, अन्य प्रकार के संसाधन व व्यवस्था हेतु जिला प्रोबेशन अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये।
वहीं, विभागीय बैठक में मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी आपसी सामंजस्य और बेहतर कार्य कुशलता के साथ कार्य करते हुए कैसे विभागीय योजनाओं का त्वरित लाभ आमजन तक शीघ्र अतिशीघ्र पहुंचा सकें, इस दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि विभागीय रिक्त पदों के संबंध में शासन स्तर पर दिये गये निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से हो ताकि योजनाओं का लाभ जनता तक ससमय मिल सके। घुमक्कड़ महिला तथा नशे के आदि बच्चों के संबंध में विभागीय अधिकारियों ने आवश्यक संशोधनों/आदेशों हेतु मंत्री का मार्गदर्शन मांगा।मौके पर सचिव महिला कल्याण हरीश चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला कल्याण प्रदीप सिंह रावत एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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वात्सल्य योजना की भूमि को कब्जा मुक्त कराया
मंत्री ने कहा कि उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से आच्छादित बच्चों के छात्रावास की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का जिला प्रशासन के माध्यम से निराकरण किया गया।