ऋषिकेश 23 सितंबर। तीर्थनगरी ऋषिकेश में शनिवार को राधा अष्टमी आस्था और उल्लास के साथ मनाई गई। मुनि की रेती स्थित मधुबन आश्रम और स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में परमार्थ निकेतन में भजन, कीर्तन व पूजन का आयोजन किया गया। इस दौरान भंडारा भी लगाया गया।
परमार्थ निकेतन में राधाष्टमी का पर्व श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया। परमार्थ गुरूकुल के आचार्यों और ऋषिकुमारों ने भजन, कीर्तन व वेदमंत्रों के साथ पूजन कर धूमधाम से राधाष्टमी का उत्सव मनाया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि प्रेम, श्रद्धा और भक्ति का साक्षात स्वरूप है राधा जी। राधा जी ने प्रेम और स्नेह के माध्यम से भक्ति का मार्ग तय किया। वास्तव में प्रेम से भक्ति की ओर बढ़ना एक शाश्वत खोज है, एक सनातन खोज है। कहा कि हम सत्य, परमात्मा, आत्मा, मोक्ष, निर्वाण आदि को प्रेम व भक्ति के मार्ग पर चलते हुये प्राप्त कर सकते हैं। श्रीराधा ने इसी मार्ग पर चलते हुये सब कुछ श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया था। यहां तक कि कृष्ण को ही उन्होंने अपना सर्वस्व मान लिया था। उन्होंने भक्ति की ऐसी चरम व दिव्य अवस्था के दर्शन कराये जो अद्भुत है। श्री राधा प्रेम के उस महा अवस्था में पहुंच चुकी थी, जहां द्वैत की अवस्था ही नहीं रहती।
वहीं, मधुबन आश्रम में श्री राधा अष्टमी का महोत्सव हर्षोलास से मनाया गया। सुबह मंगला आरती में श्री राधा रानी के चरण दर्शन के साथ आरंभ हुआ। दिन में साधु भंडारा हुआ इसमें ऋषिकेश के विभिन्न महात्माओं ने प्रसाद ग्रहण किया। संध्या में श्री राधा और कृष्णा जी का महाअभिषेक हुआ प्रवचन कीर्तन आरती का कार्यक्रम चला, जिसमें बड़ी संख्या ऋषिकेश, मुनिकीरेती और बाहर से आए श्रद्धालुओं ने श्री राधा कृष्ण के दर्शन करके पुण्य का लाभ कमाया। मधुबन आश्रम के अध्यक्ष परमानंद दास महाराज ने कहा की राधा रानी की कृपा प्राप्त होने से कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और हमारा जीवन सार्थक होता है। मौके पर नवीन अग्रवाल, सुदामा सिंगल, नितिन गुप्ता, मानव जोहर, विकास खुराना, निखिल कपूर, संजय अग्रवाल, गोविंद अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता, श्री रास बिहारी दास, हरीश धींगरा, कमल सिंह राणा, आश्रम प्रबंधन हर्ष कौशल आदि मौजूद रहे।