ऋषिकेश 15 अप्रैल। पाश्चात्य सभ्यता वाले पोलैंड के युवक को सनातन संस्कृति ने प्रभावित किया है। तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंचे इस विदेशी युवक ने गंगा किनारे वैदिक पद्धित से नामकरण संस्कार यज्ञ, शुद्धीकरण, मंत्रजाप कराने के बाद अपना नाम पावेल क्वास्निविस्की से बदलकर कालिदास रख लिया है। पूजन के दौरान धोती और जनेऊ पहन सनातनी भाव में डूबे विदेशी युवक लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।
सोमवार को मुनिकी रेती स्थित पूर्णानंद घाट, जानकीपुल पर भारतीय सनातन धर्म द्वारा वैदिक पद्धति से नामकरण संस्कार यज्ञ कराया गया। विधि-विधान व दीक्षा की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पोलैंड के पावेल क्वास्निविस्की ने बताया कि उन्होंने मां काली की शरण में जाने और उच्च साधना के लिए मंत्र की दीक्षा ली है। सनातन नाम रखने से उन्हें एक अलग शांति और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है।
पावेल क्वास्निविस्की ने आध्यात्मिक नाम अपनाने के बाद मां काली की पूजा करनी शुरू कर दी है। पावेल का दावा है कि सनातन धर्म अपनाकर वह बेहद खुश है और उसे किसी तरह का पछतावा नहीं है। बल्कि वह खुद पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वह गायों की रक्षा करने और उन्हें हत्या से बचाने की मुहिम से जुड़कर सेवा करना चाहते हैं। अब वह आगे का जीवन अपने गुरुदेव और सनातन धर्म की सेवा में लगाएंगे।
ज्योतिषाचार्य सोनिया राज ने दीक्षा दिलाई। आचार्य सोनिया राज ने उन्हें नया नाम भी दिया। पावेल क्वास्निविस्की अब पावेल कालिदास के नाम से पहचाने जाएंगे।
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी ने कहा कि सनातन धर्म की महत्ता इतनी है कि उसे मात्र चंद वाक्यों में समझा या बता पाना नामुमकिन है। भारत देश और सनातन धर्म एक दूसरे से बंधे हुए हैं। जहां एक ओर भारत देश बड़ी-बड़ी हस्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है तो वहीं, सनातन धर्म की पवित्रता देख कई बड़े सितारे खुद को इसमें लीन होने से नहीं हो पाते हैं।
मौके पर आचार्य अभिनव पोखरियाल, पॉवेल की माता और उनकी ख़ास विदेशी महिला मित्र ओला इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल रहे।