
ऋषिकेश/ देहरादून, 10 जून।उत्तराखण्ड सरकार द्वारा रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस/ऑनलाइन करने और UCC बिल के अंतर्गत विवाह पंजीकरण, उत्तराधिकार और वसीयत पंजीकरण को भी ऑनलाइन करने के प्रस्ताव का वकीलों ने पुरजोर विरोध किया है। इस योजना के तहत अधिवक्ताओं को प्रक्रिया से बाहर रखने की मंशा को लेकर बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड के आह्वान पर ऋषिकेश बार एसोसिएशन सहित राज्यभर के अधिवक्ताओं ने आज उत्तराखण्ड सचिवालय, देहरादून का घेराव कर सरकार की नीतियों के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व ऋषिकेश बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सजवाण और महासचिव शैलेन्द्र सेमवाल ने किया।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि यह कदम भाजपा सरकार की अधिवक्ता विरोधी नीति का हिस्सा है, जिससे हजारों वकीलों और उनके सहायक कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट मंडराने लगा है।
प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस निर्णय को तत्काल वापस नहीं लिया, तो जल्द ही उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
विरोध प्रदर्शन में ऋषिकेश से बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया, जिनमें तारा राणा, प्रदीप ठाकुर, कुलदीप रावत, कमलेश कुमार, अंजु, वरिष्ठ अधिवक्ता शीशराम कंसवाल, जय सिंह रावत, सुभाष भट्ट, राकेश सिंह मियां, अजय ठाकुर, गिरधारी शर्मा, राजेश अग्रवाल, खुशहाल कलूड़ा, पंचम सिंह मियां, दीपक लोहनी, मोहन पैन्यूली, देवेन्द्र दत्त कुलियाल, कृष्ण केशव, मुकेश शर्मा, स्वरूप खरोला, दिनेश पैन्यूली, भूपेन्द्र शर्मा, रविन्द्र बिष्ट, राम अवतार, राजेश मोहन, पुष्कर बंगवाल, नरेन्द्र रांगड़, अतुल यादव, अनिल भण्डारी, सुरेश नेगी, मोहित शर्मा, संदीप पयाल, प्रकाश मोहन डिमरी, सुनील नवानी, अजय ठाकुर, आशीष बहुगुणा, रामशंकर, अमित अग्रवाल, भूपेन्द्र कुकरेती, पवन कुमार, रोहित गुप्ता, राज कौशिक, जबर पंवार, राजपाल बिष्ट, राकेश पारछा, हेमन्त कंडवाल, अभिनव मलिक, जितेंद्र पाल, ज्योति गौड़, अशोक, इमरान सैफी, बबीता, संजना, प्रीति भट्ट, आरती, मोनिका, अजय कथूरिया, रणवीर राणा, विजय कोठियाल, अजय कश्यप, विजेंद्र कुकरेती, सुरजीत पटेल, राघवेंद्र भटनागर, प्रमोद नौटियाल, शरद सक्सैना, एमी काल्डा, पारस अग्रवाल, सोन त्यागी, नीरज रतूड़ी, अनिल भंडारी सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।