
प्रदेश सरकार भी सक्रिय, विधिक राय ले रही है बीकेटीसी
देहरादून। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में निर्माणाधीन श्री केदारनाथ धाम की प्रतिकृति मंदिर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध बताया है।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि “श्री केदारनाथ धाम ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में वेद-पुराणों में वर्णित है और इसका पौराणिक महत्व हिमालय क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसकी प्रतिकृति अन्यत्र बनाना न केवल धार्मिक अनुशासन के विरुद्ध है, बल्कि आस्था के साथ भी खिलवाड़ है।”
उन्होंने कहा कि मंदिर समिति इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और अपने स्तर से कार्रवाई की प्रक्रिया में है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष दिल्ली में प्रस्तावित ‘श्री केदारनाथ मंदिर’ निर्माण पर भी प्रदेश सरकार ने हस्तक्षेप कर रोक लगवाई थी।
बीकेटीसी अध्यक्ष द्विवेदी ने यह भी बताया कि उत्तराखंड सरकार पहले ही एक प्रस्ताव के माध्यम से यह स्पष्ट कर चुकी है कि चारधाम के नाम के दुरुपयोग पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। ऐसे में इटावा में बन रहे ‘केदारेश्वर मंदिर’ पर बीकेटीसी सख्त रुख अपनाने के मूड में है।
गौरतलब है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर सैफई में निर्माणाधीन इस मंदिर का एक वीडियो साझा किया था। इसके बाद चारधाम तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।