
ऋषिकेश/कोलकाता | विशेष संवाददाता
“यदि किसी कार्य को सच्चे मन और निष्ठा से किया जाए, तो उसमें ईश्वर भी अपना आशीर्वाद देता है।”
कुछ ऐसा ही भावनात्मक और प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है ऋषिकेश निवासी रितेश अरोड़ा की पत्नी मोनिका अरोड़ा ने, जिन्होंने अपनी दिवंगत सास श्रीमती सरोज अरोड़ा (उम्र 77 वर्ष) के नेत्रदान की अंतिम इच्छा को पूरा कर एक पुण्य कार्य को अंजाम दिया।
अचानक हुए इस दुखद निधन के समय, परिवार में कोई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित नहीं था। ऐसे समय में मोनिका ने न केवल परिस्थिति को संभाला, बल्कि राजेश अरोड़ा (आईडीपीएल निवासी) को सूचना देकर क्लब के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा और गोपाल नारंग से समन्वय स्थापित किया।
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने जानकारी दी कि रितेश अरोड़ा के पिता ओ.पी. अरोड़ा, जो आईडीपीएल में कार्यरत थे, का निधन रितेश के बचपन में ही हो गया था। मां ने ही जीवनभर पिता का स्थान भरते हुए उनकी परवरिश की, जिससे रितेश का उनसे गहरा भावनात्मक संबंध था।
कोलकाता में हुआ नेत्रदान, ऋषिकेश से जुड़ा रहा मानवीय सरोकार
रितेश अरोड़ा वर्तमान में कोलकाता में कार्यरत हैं। उनकी माता स्व. सरोज अरोड़ा ने जीवनकाल में नेत्रदान की इच्छा जताई थी। उनके निधन के बाद बहू मोनिका अरोड़ा ने न केवल पूरे धैर्य और भावनात्मक मजबूती के साथ परिवार को सूचित किया, बल्कि नेत्रदान के संकल्प को लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के सहयोग से कोलकाता स्थित एम.पी. बिड़ला आई बैंक में पूर्ण भी कराया। हालांकि काफी प्रयासों के बाद कोलकाता में रमेश सिंह (एम.पी. बिड़ला आई बैंक) से संपर्क हुआ और नेत्रदान की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
403वां सफल नेत्रदान मिशन
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने जानकारी दी कि यह क्लब का 403वां नेत्रदान मिशन था, जो एक प्रेरणादायक परिवारिक पहल के रूप में सामने आया है।