जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण गाइडलाइन का सख्ती से हो पालन, विभागों को निर्देश

देहरादून, 12 अगस्त। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई तथा जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण के साथ बैठक कर बैराज, चैकडैम और जलाशयों के निर्माण एवं संतृप्तिकरण की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले 5 वर्षों के लिए पूरे प्रदेश में बैराज और चैकडैम निर्माण की ठोस कार्ययोजना समयसीमा के साथ तैयार की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता पर लेते हुए नदियों में बैराज और जलग्रहण क्षेत्रों में चैकडैम बनाए जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संरचनाओं से न केवल भूजल स्तर में सुधार होगा बल्कि मानसून में बाढ़ और धराली जैसी आपदाओं की रोकथाम भी संभव होगी। उन्होंने सभी विभागों को जलश्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने, जलग्रहण क्षेत्र और जलश्रोतों के उपचार पर विशेष फोकस करने तथा शहरी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के लिए जैव-अनुकूल तकनीक अपनाने के निर्देश दिए।
बैठक में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय और सतपुली बैराज निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए, साथ ही नैनीताल के प्रस्तावित खैराना बैराज का काम शीघ्र शुरू करने पर बल दिया गया।
मौके पर सचिव दिलीप जावलकर, सचिव युगल किशोर पंत, अपर सचिव हिमांशु खुराना समेत सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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