
ऋषिकेश, 11 सितम्बर। एम्स ऋषिकेश में संविदा कर्मचारियों और प्रशासन के बीच तनातनी बढ़ गई है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि संस्थान प्रशासन उन पर मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकी प्रभारी को ज्ञापन सौंपते हुए कर्मचारियों पर माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए हैं।
धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे निदेशक कार्यालय के बाहर शांति से बैठे हुए हैं और निदेशक के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर गलत माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और कर्मचारियों पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।
संविदा कर्मियों का कहना है कि हम अस्पताल परिसर में भीड़ लगाकर नहीं बैठे थे। सीसीटीवी कैमरे और पुलिस-गार्ड्स की तस्वीरें इसका सबूत हैं। प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।
PRO ने दी सफाई
एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि संविदा कर्मचारियों के कार्यकाल विस्तार का मामला सक्षम अधिकारी के पास विचाराधीन है। सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति में निर्णय नहीं लिया जा सकता, उनके लौटने के बाद ही आदेश जारी किए जाएंगे।
गेट नंबर 3 से रोका गया प्रवेश
कर्मचारियों ने बताया कि गुरुवार को उन्हें गेट नंबर 3 से प्रवेश नहीं दिया गया और न ही वहां एकत्रित होने दिया गया। जिसके चलते सभी कर्मचारी गेट नंबर 2 पर इकट्ठे होकर निदेशक के आदेश का इंतजार करते रहे।
यह है कर्मचारियों की मांग
➡️56 संविदा कर्मचारियों का कार्यकाल जल्द से जल्द बढ़ाया जाए।
➡️प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लगाए गए झूठे आरोप वापस लिए जाएं।
➡️कर्मचारियों को मानसिक उत्पीड़न से मुक्ति दी जाए।