
नई दिल्ली 11 सितंबर। केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने उत्तराखंड के टिहरी झील क्षेत्र में सतत और जलवायु-लचीले पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 126.42 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में ग्रामीण विकास को नई दिशा देना है।
समझौते पर हस्ताक्षर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिवजूही मुखर्जी और एडीबी के भारत में प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ के बीच किए गए।
परियोजना के प्रमुख लाभ
लक्षित क्षेत्र: टिहरी गढ़वाल ज़िला – राज्य का सबसे जलवायु-संवेदनशील और आर्थिक रूप से वंचित इलाका।
प्रत्यक्ष लाभार्थी: 87,000 से अधिक निवासी।
पर्यटन लाभ: प्रतिवर्ष आने वाले 27 लाख से अधिक आगंतुक।
मुख्य उद्देश्य: बेहतर पर्यटन योजना, उन्नत बुनियादी ढांचे का विकास, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार, आपदा प्रबंधन और तैयारी को सशक्त बनाना
क्या कहते हैं अधिकारी👇
“एडीबी ऋण उत्तराखंड को हर मौसम में उपयुक्त पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। टिहरी झील क्षेत्र को विकास का प्राथमिकता क्षेत्र बनाया गया है।”
जूही मुखर्जी (संयुक्त सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग):
“यह परियोजना एक जलविद्युत झील के आसपास सतत पर्यटन का मॉडल प्रस्तुत करती है, जो रोजगार, आय विविधता और जलवायु लचीलापन बढ़ाने में सहायक होगी।”
काई वेई येओ (एडीबी अधिकारी):
परियोजना के प्रमुख कार्यक्रम
➡️संस्थागत सुदृढ़ीकरण
➡️जलवायु-लचीला बुनियादी ढांचा विकास
➡️प्रकृति-आधारित समाधान (भूस्खलन और बाढ़ जोखिम कम करने हेतु)
➡️समावेशी पर्यटन सेवाएं – महिलाओं, युवाओं और निजी क्षेत्र के नेतृत्व में
विशेष पहलें
➡️महिलाओं और युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आजीविका मिलान अनुदान कार्यक्रम
➡️एमएसएमई और विकलांग व्यक्तियों के लिए समावेशी पर्यटन सुविधाएं
➡️पायलट गांवों में महिलाओं के नेतृत्व वाली आपदा जोखिम प्रबंधन पहल
👉 इस समझौते से टिहरी झील क्षेत्र में सतत विकास और रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा होंगे, साथ ही उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर एक सशक्त और जलवायु-लचीले गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाएगा