
नई दिल्ली, 15 सितम्बर। मालवाहक कनेक्टिविटी में बढ़त: कश्मीर से सेबों की सहज ढुलाई और मिज़ोरम तक पहली कार्गो सेवा से खुले आर्थिक अवसर
भारतीय रेल ने देश के सीमांत राज्यों तक मालवाहक सेवाओं का विस्तार कर एक बड़ा कदम उठाया है। इससे स्थानीय समुदायों को नए विकास के अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय बाज़ारों की अपार संभावनाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखलाओं से जुड़ाव बढ़ने से किसानों, व्यापारियों और उद्योगों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
कश्मीर से दिल्ली तक सेबों की समयबद्ध ढुलाई
सेब उत्पादन के चरम मौसम में किसानों को राहत देते हुए भारतीय रेल ने 15 सितम्बर से दो पार्सल वैन संचालन शुरू कर दिए हैं। बडगाम से आदर्श नगर (दिल्ली) के बीच दैनिक समयबद्ध पार्सल ट्रेन सेवा शुरू की गई है। यह ट्रेन घाटी से दिल्ली के थोक बाज़ारों तक सेबों को सबसे अनुकूल समय पर पहुंचाएगी।
इस सेवा में बीच के स्टेशनों पर भी पार्सल वैन जोड़े जाने का विकल्प होगा, जिससे मांग के अनुसार ढुलाई को बढ़ाया जा सकेगा।
इस पहल से किसानों की आय में वृद्धि, सड़क परिवहन पर निर्भरता में कमी और लॉजिस्टिक लागत में कटौती होने की संभावना है।
मिज़ोरम में पहली बार मालवाहक सेवा
पूर्वोत्तर के लिए एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय रेल ने मिज़ोरम तक पहली मालगाड़ी भेजी है।
असम से सीमेंट से लदी 21 डिब्बों वाली रेक सैरांग (आइज़ोल) के लिए रवाना की गई। इस सेवा से राज्य में निर्माण क्षेत्र की लागत घटेगी और व्यापक आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा—
> “मालगाड़ियां अब मिज़ोरम तक भी सीमेंट, फल, स्टील और अन्य सामान पहुंचाएंगी। इससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी और व्यापारिक अवसर बढ़ेंगे।”
समावेशी विकास की ओर कदम
जम्मू-कश्मीर और मिज़ोरम जैसे दूरस्थ राज्यों तक मालगाड़ियों की पहुंच से भारतीय रेल न सिर्फ राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला को मज़बूत कर रही है बल्कि वहां के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर भी पैदा कर रही है।
यह पहल स्थानीय बाज़ारों की अपार संभावनाओं को सामने लाने के साथ भारत की विकास यात्रा में सीमांत क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेगी।