
देहरादून। विश्वकर्मा जयंती के अगले दिन आस्था के नाम पर हुड़दंग देखने को मिला। रायपुर विकासखंड के महाराणा प्रताप चौक से लेकर स्पोर्ट्स कॉलेज से आगे तक गुरुवार दोपहर के बाद डीजे की धुन पर समाज का एक तबका सड़क पर हंगामा करता नजर आया।
ऑटो और लोडर में सवार युवक पूरे रास्ते बेहूदा प्रदर्शन करते रहे। सड़क पर वाहनों को आड़े-तिरछे खड़ा कर ट्रैफिक बाधित किया गया। इसी दौरान कई वाहनों की आपसी टक्कर भी हुई। चौंकाने वाली बात यह रही कि टकराव के बाद भी यही लोग दबंगई दिखाते रहे।
क्या हुआ घटनास्थल पर?
👉ऑटो और लोडर में सवार युवक पूरे रास्ते बेहूदा प्रदर्शन करते रहे।
👉सड़क पर वाहनों को आड़े-तिरछे खड़ा कर जाम जैसी स्थिति बना दी।
👉वाहनों की आपसी टक्कर हुई, लेकिन हुड़दंगी दबंगई दिखाते रहे।
👉कई आम लोग विवाद से बचने के लिए अपने वाहनों का नुकसान सहते हुए भी चुपचाप आगे बढ़ गए।
❓ बड़ा सवाल
क्या आस्था का मतलब लोगों की परेशानी बढ़ाना है?
स्थानीय लोगों की मांग
➡️पुलिस प्रशासन को ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
➡️धार्मिक आयोजनों को अनुशासन और मर्यादा में संपन्न कराना जरूरी है।
➡️विश्वकर्मा जयंती जैसे पावन अवसर को बदनाम करने वालों पर सख्ती होनी चाहिए।
👉 इस तरह आस्था के नाम पर अराजकता फैलाने वालों ने लोगों के मन में “यह कैसी आस्था?” जैसा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या आपने भी इस तरह का सामना किया है तो कमेंट किजिए