
देहरादून, 4 जून। उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सेतु आयोग द्वारा नगर निकायों के सशक्तिकरण पर आधारित एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। यह रिपोर्ट सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राज शेखर जोशी ने मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की।
रिपोर्ट में नगर निकायों को स्वावलंबी बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता, स्थानीय राजस्व जुटाने की क्षमता को बढ़ाने और संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन) को स्थानीय निकायों को हस्तांतरित करने की सिफारिश की गई है। मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह, शहरी विकास सचिव नितेश झा, राधिका झा, चंद्रेश यादव और सेतु आयोग से डॉ. भावना सिंधे, डॉ. प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार और शहजाद अहमद मलिक उपस्थित रहे।
स्मार्ट गवर्नेंस और तकनीकी नवाचार पर जोर
देहरादून। रिपोर्ट में स्मार्ट गवर्नेंस, जीआईएस मैपिंग और डेटा-आधारित निर्णय प्रणाली को अपनाने पर बल दिया गया है। साथ ही नगर निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया है।
अन्य राज्यों के मॉडल से सीखने की सलाह
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में किए गए शहरी सुधारों के उदाहरणों का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में उत्तराखंड की आवश्यकताओं के अनुरूप इन मॉडलों को अपनाने के सुझाव भी शामिल किए गए हैं।
आपदा प्रबंधन में आमजन की भागीदारी का सुझाव
रिपोर्ट में शहरी क्षेत्रों में आपदा-रोधी योजना और भूस्खलन प्रबंधन में आम जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
“यह रिपोर्ट उत्तराखंड में शहरी विकास को नई दिशा देने वाली एक अहम दस्तावेज मानी जा रही है, जो निकायों की कार्यक्षमता और जवाबदेही को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।”