…तो प्राकृतिक स्वरुप से छेड़छाड़ बनी जोशीमठ आपदा की वजह

...तो प्राकृतिक स्वरुप से छेड़छाड़ बनी जोशीमठ आपदा की वजह

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि के विशेषज्ञ दल ने कुलपति को सौंपी अध्ययन रिपोर्ट
ऋषिकेश। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के भूगोल तथा भूगर्भ विज्ञानियों के दल ने जोशीमठ आपदा के कारण और भविष्य की योजना को लेकर अपनी अध्ययन रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंपी है। रिपोर्ट में टीम ने जोशीमठ की प्राकृतिक संरचना के साथ हुए छेड़छाड़ को बड़ा कारण माना है। टीम ने कई अहम सुझाव भी अपनी रिपोर्ट में दिए हैं।
सोमवार को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा ऋषिकेश परिसर में टीम ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह रावत को अपनी रिपोर्ट प्रेषित की। टीम प्रमुख प्रो. डीसी गोस्वामी ने बताया कि जोशीमठ में आई आपदा के कई कारक है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में सतह का ढलान तथा भूगर्भीय चट्टानों का ढलान एक ही दिशा में है। यह क्षेत्र एक लंबे समय तक ग्लेशियर रहा है, जिससे यहां सतह पर ग्लेशियर से टूट कर आए बड़े भरी बोल्डर जमा है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के नीचे भूगर्भीय जल का बड़ा भंडार है। यहां टनल की खुदाई के चलते इस भूगर्भीय जल भंडार में रिसाव पैदा हो गया था, जो इस आपदा का बड़ा कारण बना। साथ ही जोशीमठ जिस भूगर्भीय संरचना के ऊपर बसा है वहां अत्याधिक तथा असीमित निर्माण भी इसका बड़ा कारक है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र में 28 फीट से ऊंचे निर्माण नहीं होने चाहिए। लेकिन, यहां 8 मंजिल तक के निर्माण हुए हैं, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम सुझाव भी दिए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएस रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय इस रिपोर्ट को राज्यपाल मुख्यमंत्री मुख्य सचिव के अलावा आपदा प्रबंधन को प्रेषित करेगा। मौके पर यूसार्क की डायरेक्टर प्रो. अनीता रावत, विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा, भौतिक विज्ञान की विभाग अध्यक्ष प्रो. वाईके शर्मा, गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिता तोमर आदि मौजूद रहे।

जोशीमठ में 25 से 28 जनवरी तक किया अध्ययन
ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा के अध्ययन के लिए तीन सदस्य टीम का गठन किया गया था, जिसमें विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में कला संकाय डीन एवं भूगोल विभाग से विभागाध्यक्ष प्रो. डीसी गोस्वामी, भूगर्व विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकृष्ण नौटियाल और जोशीमठ परिसर के भूगर्भ विभागाध्यक्ष डा. अरविंद भट्ट शामिल थे। टीम ने 25 जनवरी से 28 जनवरी के बीच जोशीमठ में आपदा के कारणों का गहनता से अध्ययन किया।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
नमस्कार,नेशनल खबर11 में आपका हार्दिक अभिनंदन हैं, यहां आपकों 24×7 के तर्ज पर पल-पल की अपडेट खबरों की जानकारी से रूबरू कराया जाएगा,खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें- +91 9927600243,हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें साथ ही फेसबुक पेज को लाइक अवश्य करें।धन्यवाद