
✍️ देहरादून, 27 जून। राज्य की अमूल्य सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सरकारी भूमि में अतिक्रमण न हो, इसके लिए एक मजबूत और प्रभावी मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने गंगा और अन्य नदियों के किनारों से अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास देहरादून में आयोजित एक अहम बैठक में सीएम धामी ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जिला स्तर पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं, अब उसके अनुपालन में ठोस कार्रवाई की जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पांडेय, एडीजी ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।
हरिद्वार, रुद्रपुर और नैनीताल खास रडार पर
सीएम ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में गंगा किनारे, रुद्रपुर में कल्याणी नदी तथा नैनीताल जनपद में कोसी नदी के किनारों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
बहु-विभागीय टीमें और नोडल अधिकारी होंगे तैनात
अतिक्रमण हटाने के लिए जिला स्तर पर सिंचाई, लोक निर्माण, वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें बनाई जाएंगी। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण की निगरानी के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश भी दिए गए हैं।
फर्जी दस्तावेजों और अवैध बिक्री पर भी होगी नकेल
सीएम धामी ने कूट रचना और फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए सरकारी जमीन कब्जाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने एडीजी ए.पी. अंशुमान से बाहरी लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया और सख्त करने की अपेक्षा जताई। एडीजी ने बताया कि 18 बिंदुओं पर सत्यापन रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसका डेटा राज्य स्तर पर संकलित किया जा रहा है।